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अडाणी कैसे खेल खेलता है

समाज माध्यम से साभार

पहले भारत में एक कंपनी बनाओ, दूसरी विदेश में; जैसे अडाणी बनाता है।

मान लो, आप पॉवर प्लांट चलाते हैं। जैसे अडाणी पॉवर कंपनी मान लो। उस पॉवर प्लांट से 5 रुपये प्रति यूनिट का मुनाफा नार्मल है लेकिन इस पर टैक्स भरना पड़ेगा।

तब आप प्लांट का कोयला, अपनी ही विदेशी कंपनियों से खूब महंगे दामों में खरीदें। तो कमाएगी आपकी विदेशी कंपनी और घरेलू कंपनी का लाभ केवल 5 पैसे का दिखेगा।

टैक्स भी इतने का ही दिखेगा; ना के बराबर।

अब आपका सारा मुनाफा आपकी विदेशी कंपनी के खातों में धरा है, तो विदेश में टैक्स लगेगा न? अरे नहीं भाई। क्योंकि आप विदेशी कंपनी रजिस्टर कराओगे बहामा में, बरमूडा में, केमेंन आइलैंड, पनामा में।

यानी किसी ऐसे टैक्स हैवन देश में जहाँ टैक्स ना के बराबर है। यह सब काम तो आप किसी भरोसे के आदमी से ही करवायेंगे।

तो स्वाभाविक है आप भरोसे वाला एक आदमी ढूँढेंगे और अगर आपका एक भाई विनोद अदाणी जैसा हो, तो उसको विदेश में सेटल कर दो, वो ही ये सब काला धंधा देखेगा।

हाँ, तो अब यहाँ का पैसा, विदेश में तो खूब भर-भर के जमा हो गया। इसको इंडिया कैसे लाओगे?

तो इसका भी सरल रास्ता है।

आप मॉरीशस में कंपनी बनाओ क्योंकि मॉरीशस से भारत की एक संधि है। वहाँ से अगर इन्वेस्टमेंट आता है, तो ज्यादा पूछताछ नहीं होती। टैक्स नहीं है।

तो केमेंन आइलैंड या बरमूडा वाली अपनी कंपनी का पैसा, मॉरीशस वाली कंपनी में डाल दो और फिर मॉरीशस वाली अपनी उस कंपनी से इंडिया में इन्वेस्ट कराओ। वह उससे शेयर खरीदेगी।

अडाणी भी खुश!
मोदी सरकार भी खुश!!

जो प्रचार करेगी, देखो कितना विदेशी निवेश आ रहा है।

जो पैसा बरमूडा, पनामा से टैक्स चोरी से कमाया, उन पैसों को मॉरीशस भेजो और फिर उस पैसों से अपनी ही कंपनी के शेयर खरीदो।

इससे आपकी कंपनी का मूल्य बढ़ेगा। इतना बढ़ेगा कि शेयर गिरवी रख के लाख-दो लाख करोड़ का लोन ले लो।

इस लोन से फिर अपने पॉवर प्लांट के लिए महंगा कोयला खरीदो, अपनी ही विदेशी कंपनी से ओवर इंवॉयसिंग करके।

बोरी भर-भर के टैक्स बचाओ। फिर उसको मॉरीशस ट्रान्सफ़र करो। फिर उसको FDI दिखाकर यहाँ इंडिया मे इन्वेस्ट करो। फिर लोन लो।

फिर महंगा कोयला खरीदो।

ऐसा करके, 10 साल में आप दुनिया के दूसरे अमीर बन जाओगे।

पिछले दस सालों में गौतम अडाणी ने यही किया है।
एकदम आसान है न?
ना.. ना.. नहीं है।

यह क्राइम है, फ्रॉड है, देश से गद्दारी है, टैक्स चोरी है, मनी लॉन्ड्रिंग है। कहीं धरा गए तो सात पुश्तें जेल में कटेंगी।

और इस फ्रॉड को पकड़ कर, सजा दिलाने की जिम्मेदारी जिस संस्था SEBI की थी, उसकी कर्ता-धर्ता माधवी पुरी बुच खुद ही इस फ्रॉड में शामिल है।

जो फंड इन शेयरों की कीमत नकली रूप से बढ़ा रहा था, उस फंड में मैडम बुच भी मुनाफा कमा रही हैं।

यही बात तो हिन्डन बर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कही है।
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