भारत का “संविधान” सदियों से गुलाम रह चुके बहुजन समाज के लोगों के लिए आज “भगवान” ही है !

👉 भारत के गृहमंत्री माननीय,अमित शहाजी आप बताईये की,डॉ.बाबासाहेब आंबेडकरजी द्वारा लिखा गया “संविधान” नही होता तो,क्या आप “मनुस्मृति” के आलम में आप तो भारत के किसी कोणे मे किराणा की होलसेल “किराणा दुकान” चलाते नजर आते ना…?
👉 अगर भगवान का नाम जपने से स्वर्ग मिलता है ? तो अमित शहा और मोदी जी आप बताये की,आपके घर परिवार से कौन-कौन लोग स्वर्ग जाकर,आपको बताने फिर से धरती पर आये है !
👉 नरेंद्र मोदीजी और अमित शहा आप बताये की,आज भी मंदिर मे जाने के लिए अस्पृश्य या बॅकवर्ड समाज के लोगों को बंदी है,तो आप इनको स्वर्ग कैसे भेज सकते है,आपका भगवान और आपके धर्मग्रंथ बहुजन समाज की हजारो जातीयों के लोगों को मंदिरो मे क्यू आने नही दिया देता !
👉 डॉ.बाबासाहेब नाम को विरोध करने वाले नरेंद्र मोदी और अमित शहा आप और एक बात बताईये की,सदियों से भारत के अंदर शूद्र अति शूद्र समाज की हजारो जातीय गुलाम बनकर जी रही थी,आप और आपके धर्मग्रंथ उनके साथ जानवरो जैसा बर्ताव करते थे,क्या तब ओ इंसान नही थे,तब उनको “स्वर्ग” की जरूरत नही थी ? (शुद्र/अतिशूद्र = SC/ST/OBC)
👉 नरेंद्र मोदी और अमित शहाजी क्या आज महाराष्ट्र के अंदर भाजपा की सरकार,सोमनाथ सूर्यवंशी के हत्याकांड से संकट मे आई है,इसलिये संसद के अंदर आप बवाल करके, महाराष्ट्रा के इस ज्वलंत मुद्दे से सबकी नजर हटना चाहते है ?
जिसकी पहचान ही गुजरात का गुंडा है, उसे क्या पता सविधान किसके साथ खाया जाता है ! हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर आगे बढने वाला नेता जिसका मूल स्वरूप गुंडागर्दी करना है,सच तो उसे बहुजन समाज को मिलने वाले संवैधानिक हक्क और अधिकार से जलन होगी ही ! संविधान के खिलाफ अगर कुछ बात करनी है,तो सही तरीके से करो,एक तरफ संविधान के खिलाफ बात करना और दुसरी तरफ बहुजन समाज के लोगों को स्वर्ग की राह दिखाना,भरी संसद में,इस का एकही मतलब होता है कि,एक बाजू में सदियों से पिछडे रहे भारत के बहुजन समाज को फिर एक बार गुलाम बनाना,इसके साथ साथ डॉ.भीमराव रामजी आंबेडकर अछूत होकर भी इस देश का संविधान लिखते है,इस बात का पूरजोर से विरोध करना,यह दोगली निती भाजपा नेता अमित शहा आपणा कर लोकशाही और संविधान खतम करने की बात कर रहे है !
जिस समय देश के बहुजन समाज के लोगों को,अस्पृश्य बनाकर गाव के बहार रखा गया था ! उस खतरनाक मंजर और “समय” से बेहतर तो आज का समय है,जो संविधान ने उन गुलाम लोगो को दिया है ! भारत देश के बहुजन को सदियो से शिक्षा,शस्त्र,धन बंदी हुआ करती थी! उनको जीने के लिए रोटी भीख मांगकर खाना पडता था,तो आज उस समय से बेहतर दिन बहुजन समाज के छोटे मोठे जाती के लोग महसूस कर रहे है! इस हिसाब से देखा गया तो डॉ.भीमराव रामजी आंबेडकरजीने भारत देश के सभी वर्ग-धर्म के लोगों को जीते जी ही “स्वर्ग” ही प्रदान दिया है ना….!
आज पुरा भारत जानता है की,गुजरात में जो कुछ भी कांड हुए है,न्यायालय के न्यायाधीश की हत्या हुई है,साबरमती कांड हुआ,गोधरा कांड हुआ,नरोदा कांड हुआ,बिल्कीस बानो का मसला हुआ,एन्काऊंटर कितनी ही जाली एन्काऊंटर करके मुस्लिम समुदाय के युवाओ को मारा गया ! इसके साथ ही बाबरी कांड हुआ, इन सभी कांडो में गुजरात के राजनीति की पृष्ठ भूमी पर भारतीय जनता पार्टी के अमित शहा और नरेंद्र मोदी जी का किरदार कितना “खुनी” है,ये सबको पता है !
गुजरात के अंदर आज भी दलित बॅकवर्ड समाज सहमा सहमा रहता है ! गुजरात के अंदर दलित समाज आज भी शादी मे घोडे की सवारी नही कर सकता,अगर कोई तरी तेडी बात करता है,तो सिधा उसे गोलिया मारकर उसकी हत्या की जाती है ! दलित हत्याकांडों से गुजरात का इतिहास भरा पडा हुआ है,फिर भी खुनी पंजे वाले लोग खुद को बहुत बडा भगवान समझ कर स्वर्ग मे जाने की इच्छा रखते है ! अमित शहा की ऐसी बात पर अगर हम गंभीरता से सोच विचार करतो है तो पता चलता है की,साला भगवान भी खुनी और मर्डर है ! सच कहो तो इसमे कोई दोराय नही है !
भारत के अंदर सदियो से ब्राह्मण और ब्राह्मण्यग्रस्त लोगो ने भारत के बहुजन समाज के लोगों को गुलाम बनाये रखने के लिए,विविध माध्यम से बॅकवर्ड लोगों को मारा और पीठा है ! यह इतिहास हम सब को पता है ! आज भी गुजरात के अंदर दलितो की बस्तीया गंदी है,दलित, बॅकवर्ड पर बहुत बडा अन्याय- अत्याचार वहा पर आज भी होता है ! सच मानो तो जीन लोगो पर अन्याय अत्याचार होता है,वो बडी मात्रा मे “हिंदू धर्म” को मानने वाले ही लोग है !
तो भारत की संसद के अंदर भारत के गँगस्टर गुंडा गृहमंत्री अमित शहा बहुजन समाज के मसीहा डॉ.भीमराव रामजी आंबेडकरजी के नाम कों ट्रेन्ड या फॅशन बताकर कहते है कि,अगर डॉ.आंबेडकर, आंबेडकर करने की बजाय,अगर हम भगवान के नाम का जप करते है,तो हमे “स्वर्ग” का रस्ता मिलता ! गँगस्टर अमित शहा की इस बात के ऊपर अगर हम गौर करते है,तो ऐसा प्रतीत होता है कि,शायद अमित शहा के खानदान मे कोई परिवार जन “स्वर्ग” से होकर आया है,और इनको बताया है की,भाई “स्वर्ग” बहुत बडा सुंदर और अच्छा है ! इसीलिए अमित शहा अपने पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अंदर चल रही भारत के संविधान और लोकशाही विरोधी गतिविधियों को छुपाने के लिए पूरे बहुजन समाज को फिर एक बार जिंदा ही स्वर्ग का रास्ता दिखाना चाहते है ! अमित शहा की इस बात का तो साफ मतलब है की, 70 साल के अंदर भारतीय संविधान की वजह से जो प्रगती बहुजन समाज ककी छोटी-छोटी जाती के लोगो ने की है,उनको एक बार फिर से संविधान और लोकशाही का विरोध करके बहुजन समाज को स्वर्ग का झासा देकर संविधान के खिलाफ कुछ कारवाई की जाये,यही इन का महत्वपूर्ण षड्यंत्र इस आंबेडकरद्रोही बात के पीछे छुपा हुआ है !
भारत के अंदर जिस समय इस देश का संविधान लिखा गया,भारत के संविधान समिती मे भारत के अस्पृश्य समाज के लीडर डॉ.भीमराव आंबेडकर जब तक संविधान समिती मे नही आते,तब तक इस देश को आजादी मिलना मुश्किल है,इस बात को अंग्रेजो ने जब कहा तब इस देश के सभी ब्राह्मण,बनिया और वैश्य सवर्ण नेता सोच मे पड गये की,इस देश के अंदर हम लोग तो संविधान लिखने के लायक नही है,तो फिर क्यू नही हम बाबासाहेब की तरफ से ही संविधान लिख कर ले,सच तो यह है की, इनकी नालायकी को छुपाने के लिए इन लोगो ने आखिरकार डॉ.भीमराव आंबेडकरजी को बॅरिस्टर मुकुंद जयकर की जगह खाली करके बाबासाहेब को संविधान समिती के अंदर लिया गया ! डॉ.भीमराव रामजी आंबेडकरजीने संविधान समिती मे रहते हुए,भारत की जनता, भारत की मिट्टी,भारत के समंदर, भारत के पर्वत,कंखर,यहा तक की हर एक “जीव” का संरक्षण बाबासाहेब ने संविधान के अंदर किया ! इसके साथ साथ ही डॉ.भीमराव रामजी आंबेडकर ने भारत देश के संविधान मे जिस भगवान के नाम पर इस देश में सदियों से भारत के मूल-निवासियोंको राजपाट छिनकर,लुटा,मारा,पीठा और गुलाम रखा,सवर्ण के ऊन भगवान का भी रक्षण करने का काम किया !
इसलिये आजादी के 70 साल बाद भी चाहे ओ काँग्रेस हो,भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी लोग बहुजन समाज के हक्क और अधिकारों के खिलाफ है ! क्योंकि उनके धर्मग्रंथ ने इस देश के बहुजन समाज को शूद्र अति शूद्र बनाकर उनको “गुलाम” बनाये रखने का ही काम किया था ! लेकिन डॉ.भीमराव रामजी आंबेडकरजीने संविधान के माध्यम से देश के सभी शुद्रऔर अतिशुद्र लोगों को,सदियों से सत्ता मे रहे हुए ब्राह्मण,बनिया, और वैश्य के बराबर ला कर खडा किया ! इसी बात का आपसोस आज भी इन ब्राह्मण चले और चपेटों को होता है! इसलिये आपने खुनी पंजे छिपाने के लिए,भगवान,स्वर्ग, नर्क इन जैसी काल्पनिक बेतूकी बातो कों “मानसिक गुलाम” बहुजन समाज के लोगों के सामने रख कर,बहुजन समाज के हक्क और अधिकारों को तोडना,मारोडना,बंद करना चाहते है! जो लोग बहुसंख्या “हिंदू” धर्मी ही है ! इसलिये अमित शहा जैसे गँगस्टर लीडर को इस देश की जनता से माफी मागणी ही पडेगी ! यही निर्विवाद सत्य है !
लेखक,विजय अशोक बनसोडे
भारतीय बौद्ध महासभा 9881535736
जि.संस्कार उपाध्यक्ष,धाराशिव (द)
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