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कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और बौद्ध धम्म की ऐतहासिक 6 घटना

1) कार्तिक पूर्णिमा की प्रथम घटना : कश्यप बंधुओ की धम्म दीक्षा

2) कार्तिक पूर्णिमा की दुत्य घटना : धम्मसेनापति सारिपुत्त की धम्म दीक्षा

3) कार्तिक पूर्णिमा की तृत्य घटना : धम्मसेनापति सारिपुत्त के भाई -बहनो की धम्म दीक्षा

कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन धम्मसेनापति सारिपुत्त के तीन भाई और तीन बहनो ने धम्म दीक्षा ली थी l

धम्मसेनापति सारिपुत्त के तीन भाई, सूंढ, उपसेन, रेवत और तीन बहन चाला, उपचाला और शीशुपचाला ने कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन प्रवज्या ग्रहण की

4) कार्तिक पूर्णिमा की चौथी घटना : चक्रवर्ती सम्राट देवणाम प्रियदास्सी धम्म राज अशोक का निर्वाण

5) कार्तिक पूर्णिमा की पांचवी घटना : आधुनिक मुलगंध कुटी विहार सारनाथ वाराणसी का लोकार्पण दिन

6) कार्तिक पूर्णिमा की छतवी घटना : नागो की पवित्र भूमि नागपुर / नागफना के कामठी परिसर मे बोधिसतत्त्व मंजूश्री के पिता नागराज के सम्मान और स्मृति मे ड्रैगन पैलेस टेम्पल की स्तापना आज से 24 वर्ष पूर्व की गई थी.

11 नोवेम्बर 1931 मे नवनिर्मित आधुनिक मुलगंध कुटी महा विहार सारनाथ वाराणसी, मे परम पूज्य अनागरिक धम्मपाल द्वारा तक्षिला (पाकिस्तान ) से प्राप्त भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष कलश की सारनाथ वाराणसी मे स्तापना और मुलगंध कुटी विहार सारनाथ वाराणसी का लोकार्पण किया l

हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन सारनाथ वाराणसी मे भगवान बुध्द की अस्थिया आधुनिक मुलगंध कुटी महा विहार से निकाल कर नगर मे यात्रा निकाली जाती है जिसमें देश विदेश के श्रद्धालु दर्शन के लिए सारनाथ वरणासि मे आते है और वर्ष का अंतिम कठिन चीवर दान और दीपोत्सव करते है

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