भारत का संविधान किसने लिखा है??

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B N Rao चाय पिलाने वाला था?
आजकल भारत के संविधान के लेखक के बारे में IAS की कोचिंग देने वाले टीचर और ग्वालियर के वकील और बहुत से मनुवादी लोग लोगों को भ्रमित कर रहें हैं कुछ लोग संविधान के लेखक B. N. RAO को बता रहें हैं और कुछ लोग प्रेम बिहारी नारायण रायराजा को बता है और कुछ लोग कह रहें हैं कि संविधान सभी 390 सदस्यों ने लिखा है भारत में 80% लोग अशिक्षित हैं पत्थर, गाय, गोबर, पूजने वाले है वे मान भी लेते हैं।
संविधान लिखने की बात है तो निश्चित रूप में किसी ने अपने दिमाग लगाकर लिखा होगा तो उस समय सबसे शिक्षित और विद्वान व्यक्ति कौन थे? जिनके पास 32 डिग्रियां और 64 बिषयों के मास्टर 9 भाषाओं का ज्ञान जिनके पास उस समय भी चार पीएचडी की डिग्री और D Sc जैसी डिग्री जो आज भी किसी भारतीय के पास नहीं है।वो डां भीमराव अंबेडकर के पास थी।
कोलम्बिया विश्व विद्यालय और लंदन स्कूल आफ कामर्स से पढें हुए विद्वान थे डॉ भीमराव आंबेडकर ।
संविधान लिखने के लिए लिखने वालों की एक कमेटी बनाई गई थी जिसे ड्राफ्टिंग कमेटी कहते हैं ड्राफ्टिंग कमेटी के सात मेम्बर थे।
1-सिबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर
2-गोपाल स्वामी
3-अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर
4-के एम मुंशी
5-सैयद मोहम्मद सादुल्लाह
6-बी एल मित्तर
7-डी पी खेतान
डां भीमराव अंबेडकर को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यध बनाया था तो निश्चित रूप से ही डां भीमराव अंबेडकर को ज्यादा विद्वान समझदार और विद्वान मान कर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दिया गया था।
डां राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे संविधान सभा के लिए 390 सदस्य चुने गए थे।
लेकिन 390 सदस्य लिखने वाले नहीं बल्कि संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को लेकर बहस करने वाले थे और प्रत्येक अनुच्छेद को डॉ भीमराव आंबेडकर ने तर्क और समाज के लिए कितना जरूरी है साबित करके पास करवाये थे जिसे अनुच्छेदों के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए तो दिल्ली के डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में जाकर पढ़ सकते हैं एक एक अनुच्छेद पर एक एक मोटी किताब है। इसलिए लिखने से ज्यादा प्रत्येक अनुच्छेद को 390 सदस्यों से पास करवाना और भी महत्वपूर्ण था जो कि डां भीमराव अंबेडकर ने बहस करके पास करवाया था।
अब बात लिखने की है तो जो गधे बी एन राव को संविधान निर्माता कह रहें हैं उन गधों को बता दो कि बी राव संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी का मेम्बर ही नही था बी एन राव चाय पिलाने वाला था।
ड्राफ्टिंग कमेटी के सात सदस्यों में दो सदस्य किसी काम से देश के बाहर चले गए ड्राफ्टिंग के काम में कोई काम नहीं किया था दो सदस्य बीमार थे उन्होंने ने भी ड्राफ्टिंग के काम में कोई काम नहीं किया एक सदस्य मर गया और एक सदस्य अपने निजी कार्य करते रहे ड्राफ्टिंग का कोई कार्य नहीं किया।
इसलिए संविधान लिखने की पूरी जिम्मेदारी अकेले डॉ भीमराव आंबेडकर पर आन पड़ी और उन्होंने प्रतिदिन 18-20घंटे लिखने का कार्य किया भारत में अनेको धर्म भेष भूषा रहन सहन ऊंच नीच भेदभाव की जातियाँ बिषमताओ से भरा हुआ है सबको जोडकर सभी को मान सम्मान से जीने के लिए संविधान लिखना किसी और के बस की बात नहीं थी दबे कुचले लोगों को कैसे बराबरी पर लाना वो सिर्फ डां भीमराव अंबेडकर ही कर सकते थे क्योंकि उन्होंने ऊंच नीच भेदभाव के दंश को झेला था इसलिए सभी मुद्दों को लेकर सामंजस्य स्थापित करने के लिए संविधान लिखने में 2 वर्ष 11महीने और 18दिन लग गये।
डां भीमराव अंबेडकर ने संविधान को अपने दोनों हाथो से क्योंकि डॉ भीमराव आंबेडकर दोनों हाथो से लिखते थे यह भी एक भी उनकी एक बिशेषता थी पेन से लिखा था जो कि फास्ट लिखा था सभी को आसानी से पढ़ना मुस्किल था इसलिए प्रेम बिहारी नारायण रायजादा नामक एक व्यक्ति जिसकी राइटिंग सुंदर थी उसको बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान की कापी एक सुंदर ईटेलिक लिखाई की जिम्मेदारी दिया गया है और लिखने के लिए उसको सेलरी देने की बात किया गया था लेकिन ब्राह्मण हमेशा ही छलकपट करते आये हैं तो ब्राह्मण प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इस शर्त पर लिखने को राजी हुआ कि वो सेलरी नहीं लेगा लेकिन संविधान के प्रत्येक पृष्ट पर अपना नाम लिखेगा इसलिए संविधान के प्रत्येक पेज पर प्रेम बिहारी नारायण रायजादा लिखा हुआ है जिसे मनुवादियों द्वारा फैलाया जा रहा है कि संविधान प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा है जबकि प्रेम नारायण रायजादा ने कापी किया है संविधान की मूल प्रति डॉ भीमराव आंबेडकर ने अकेले लिखा था ।
और 390 सदस्यों से बहस करके पास भी करवाया था इसलिए 390 सदस्यों ने लिखा नहीं था बल्कि रोड़ा डाल रहें थे जैसे कि आज कोई बिल पास करवाने के लिए कितना मुस्किल होता है वैसे ही संविधान लिखने के बाद संविधान सभी में पास करवाने के लिए भी डां भीमराव अंबेडकर ने बहुत संघर्ष किया था।
इसलिए भारत का संविधान सिर्फ बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर ने लिखा था बाबा साहब डॉ भीमराव के दिमाग की देन है वाकी लोग मजदूरों की तरह छपाई बाइंडिंग का किये थे जैसे कि एक घर बनाने में एक इंजीनियर होती है और सैकड़ों मजदूर।
बौद्धाचार्य डॉ एस एन बौद्ध 8700667399
राष्ट्रीय अध्यक्ष
नेशनल एंड इंटरनेशनल बुद्धिष्ट
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