अंडं भक्तो हमारा दुष्मन कौन ?…

१. वर्ण व्यवस्था को निर्मान ब्राह्मणो की ! देश की अखंड ता को क्षत विक्षत किया।
२. जाती व्यवस्था को निर्माण ब्राह्मणो ने किया जीससे देश की जनता अठरापगड जातियो मे बाट दिया।
३. जाती जातीयो मे उच्च नीचटाकी निर्मिती ब्राह्माणो कि जीससे देश की जनता मे दुरीया बढी
४. संत नामदेव महाराज को औंढा नागनाथाको मंदिर से भगाणे वाले ब्राह्मण ही थे ?
५. संत तुकाराम महाराज की गाथा ओ को इंद्रायणी नदीमे डूबाने वाले ब्राम्हण थे ना कि कोई और?
६. छत्रपती शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को विरोध ब्राह्मणो ने किया ना की किसीं और ने
७. छत्रपती शिवाजी महाराज की विष पिलाकर हत्या ब्राह्मणो ने की ना की किसीं और ने.
८. छत्रपती शिवाजी महाराजपर पहला वार करनेवाला कृष्णा भास्कर कुलकर्णी ब्राह्मण था ना कि कोई और
९. जेम्स लेन को झूठ इतिहास दीखाकर महाराज पर अंगरेजी मे ‘किताब लिखने वाले छत्रपती शिवाजी महाराज की बदनामी करने वाले पुना के ब्राह्मण थे ना की कोई और।
१०. छत्रपती संभाजी महाराजां का विरोध ब्राह्मणो ने किया ना की किसीं और ने।
११. छत्रपती संभाजी महाराजां पकड के देनेवाले ब्राह्मण थे ना कि कोई और ।
१२. क्रांतिवीर उमाजी नाईक की हत्या ब्राह्मणो ने ना की ना की किसीं और ने की।
१३. शाहू महाराजांको विरोध ब्राह्मणोने किया न की किसी और ना।
१४. महात्मा फुले को ब्राम्हणोसे पढे लिखे होकर भी शादी की बारात से अछूत ब्राह्मणो ने अपमानित करके निकाल दिया न कि किसीं और ने।
१५. महात्मा फुलेको मारने के लिये मारेकरी ब्राह्मणो ने भेजे थे ।न की किसीं और ने।
१६. सावित्रीमाई फुलेंपर गोबर और किचड फेक कर मारणे वाले ब्राम्हण न की कोई और।
१७. महात्मा बसव अण्णा की हत्या ब्राह्मणो ने कि किसीं और ने।
१८. विश्वरत्न डॉ, बाबासाहेब आंबेडकर की बदनामी ब्राह्मणो ने कि न की किसीं और ने ।
१९. स्त्रियो को गुलाम ब्राह्मनोने किया न की किसीं और ने।
- संत जनामाईंपर चोरीका आरोप लगाकर पंढरपुरसे उनकी बारात,( धिंड) निकालने वाले ब्राह्मण थे न की कोई और।
- संत ज्ञानेश्वर महाराज और उनके भाई बहन को तीन आळंदी मे टूटे फुटे मिट्टी के बरतन भी न मिलनेका आदेश देने वाले ब्राह्मण थे न की कोई और।
- छत्रपती शिवाजी महाराजा की बदनामी करनेवाला राहुल सोलापूरकर और प्रशांत कोरटकर ब्राह्मण है। न की कोई और।
- इसका जवाब क्या है..?
24… हमारे शत्रू ब्राम्हण है।इन्होणे भारत देश का शुरू से सत्यानाश किया हे ।
इस देश मे आर एस सं घटन खोलकर यहा के बहुजन युवकोको प्रदीप जोशी जैसे ब्राम्हणो ने हर शाखा में “गे” बनाकर रखा है । उनके पास संघ के गुण गाने के सिवा दूसरा रास्ता ही नही बचा । इसलिए किसी भी गांडगोटे के पास संघ के विरोध में कुछ बोलो तो वह आपको कहेगा की एक दिन शाखा में आकर तो देखो। शायद अगर आप गलती से भी एक दिन सँघ में गये तो सब मिलकर आपकी खोलकर आपको “गे” बना देंगे ।
फिर आपके पास मरते दम तक संघ का गुणगान करने के सिवा दूसरा और कोई विकल्प नही रहता।
जब भी कोई कहता है कि मै शाखा में जाता हूं तो उसे देखकर मुझे घिन आती है।
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दैनिक जागृत भारत