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‘पूना पैक्ट’ के बारे में

कुछ लोगो को गांधी और बाबासाहब के बिच हुए
‘पूना पैक्ट’ के बारे में
जानकारी नहीं है , मै आप
लोगो को संछेप में
थोड़ी सी जानकारी देना चाहता हूँ ,
१)बाबासाहब चाहते थे की SC के लोगो को भारत में
”पृथक निर्वाचन छेत्र” मिले ,जहा से SC
ही उमीदवार
हो और उसे केवल SC ही वोट दे २)बाबासाहब
SC के
लिए दो बार वोटिंग का अधिकार भी चाहते थे उदहारण
के
लिए ,अगर आप का विधानसभा SC रिज़र्व सीट है
तो वहा SC को दो बार वोट देने का अधिकार
मिलता ,एक बार वहा से खड़े होनेवाले SC
नेता को सिर्फ SC जनता ही वोट दे
सकती थी ,और
दूसरी तरफ किसी भी जात
का नेता खडा हो सकता था और SC जनता फिर से
उसको वोट देने के अधिकारी होते बाबासाहब
की इन
दोनों मांगो को अंग्रेजो ने मान लिया था पर इसके विरोध
में गांधी ने उपवास शुरू कर डाला और उपवास के दौरान
SC लोगो पर हमले होने लगे ,इस कारन बाबासाहब ने
मजबूर होकर गांधी से समझौता किया और
अपनी दोनों मांगे रद्द कर
दी ,उसकी जगह पर ‘संयुक्त
चुनाव प्रणाली “‘ लागू हो गयी ,जो आज
भी चल
रही है ,जहा SC के रिज़र्व सीट से,
खडा तो SC
होता है पर उसे वोट सभी लोगो का (सवर्णों का,
ओबीसी का ,मुस्लिमो का )
लेना पड़ता है ,और वो SC
नेता SC को कम अन्य जातियों को ज्यादा खुश करने के
चक्कर में अपने SC समाज का ही सत्यानाश कर
डालता है सीधी भाषा में = बाबासाहब
चाहते से घोड़े
की दौड़ घोड़े से हो ,गधे की दौड़ गधे से
हो ,हाथी की दौड़ हाथी से
ही हो ,पर गांधी ने घोड़े
की दौड़ गधे से लगाकर गधो के साथ अन्याय
कियापरिणाम ,सभी पार्टी से SC
सीट से जीते SC
विधायक ,खुद SC के ही विरोध के
ही कामो का संसद
और विधानसभा में खुलकर विरोध
नहीं करते ,क्यों की उनको SC से
जयादा बाकी लोगो को खुश करना होता है अगर SC
को डबल वोटिंग और पृथक निर्वाचन छेत्र मिल
जाता तो आगे चलकर ST OBC,
मुसलमान ,सिख ,जैन ,बुद्धिस्ट ,एंग्लो इंडियन ,इत्यादि सब
यही मांग करते और ब्राह्मणों से सब कट जाते
और
ब्राह्मणों के विरोध में काम करते ,जैसे आज
ओबीसी रिजर्वेशन के मुद्दे पर
ब्राह्मणों से कटते
जा रहे है ,पर बाबासाहब का यह सपना गांधी ने
ख़तम
कर डाला |”…….jai bheem

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