आपकी लाडली बहेना हूँ।।
जोशना शिनगारे
जिस देश में नारी को देवी समझकर पूजा जाता हैं, उसी देश कि मिट्टटी मे पैदा हूई मैं एक बहेना हूँ। मुझे कभी लक्ष्मी, कभी, पार्वती, कभी सीता, कभी कालिका माँ कहे कर पुकारा जाता है, उसी धरती पर मै आज चिखती हूई पुकार हूँ, कभी दहेज के नाम से, तो कभी दासी की रूप मे, कभी तन की भूक सें मुझे इसी मिट्टटी में लूटा गया, कभी जाती, तो कभी मजहब मे बाँटा गया , कभी मजबुरी तो कभी पेट की भुक के लिये हैवाणोने घर के बाहर खिंच लिया, लेकिन मै भी एक माता-बहेना हूँ,? पूजी हूई देवी हूँ ना इसकी अस्ता है ना कोई कसम! फिर भी मैं भारत मै देवी हूँ??
अभी, अभी आसाम में हजारो लोग पीछे और हम बहेना आगे नंगा करके घूँमा दिया, तो कभी मंदीरोमे भगवान के सामने इज्जत को खूले आम लूट लिया। पश्चिम बंगाल में तो एक थाली में खाना खाकर भगवान के दूत समझ ने वाले डॉक्टर ने भी मिलकर तन की भूक को मिटा लिया,। तो अब मेरी कर्म भूमी महाराष्ट्र में मुझे “लाडली “कहे कर पुकारा गया। लेकीन मैं बहेना हूँ ,कैसे हूँ ?मेरे राजनेता भाईयोंके मन में कुछ तो काला हैं, इसलिए एक आमदार और उपमुख्यमंत्री भी लाडली बहेना का उपहार वापस लेना चाहता हैं, कब तक मैं माँ बनकर, बहेना बनकर, तो कभी पत्नी बनकर, तो कभी हैवानियत की “शिकार “बनकर आपने आप को कूर्रबान करती रहूँ? यार मेरे मिट्टटी के भाईयो मैं भी तुम्हारी तरह माँ की कोक से पैंदासी “लाडली बहेना हूँ। तुम्हारे लिऐ जीवन की राखी कि सौगात हूँ। मै भी देश की लाडली बहेना हूँ!!!
,,,,,,,,,,,,,लेखन जोशना शिनगारे (msw)!
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दैनिक जागृत भारत