
समाज माध्यम से साभार
- इस बात की ज्यादा घोर निंदा करता हूं कि
2.जहां जाति पूछ कर गोली मार दी जाति हैं।
3.जाति पूछकर ही बारात पीट दी जाति हैं।
4.जाति पूछकर ही रैप कर दिया जाता है।
5.जाति पूछकर ही सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है।
6.जाति पूछकर ही दाखिले किए जाते है।
7.जाति पूछकर ही इंटरव्यू में बाहर कर दिए जाते है।
8.जाति पूछकर ही खटिया पर बैठने दिया जाता है। - जाति पूछकर ही घोड़ी से उतारकर मार दिया जाता है।
10.जाति पूछकर ही अन्याय किया जाता है।
11.जाति पूछकर ही न्याय किया जाता है। - जाति पूछकर ही प्रमोशन ओर डिमोशन होते है।
- जाति पूछकर ही पुलिस स्टेशनों में धाराएं बढ़ा दी जाती है।
- जाति पूछकर ही राजनीति चमकाई जाती है।
- जातीय शोषण पूछकर ही जहां बयान दिए जाते हैं।
- जाति पूछकर ही न्यायालय में फैसले पलट दिए जाते हैं।
- जाति पूछकर ही पड़ोस में मकान नहीं खरीदने दिए जाते हैं।
- जाति पूछते ही तय हो जाता है उसे जानवर समझें या इंसान।
- जाति पूछकर ही पानी पिलाएं या नहीं।
- जाति पूछकर ही मंदिर में आने दे या नहीं।
- जाति देखकर ही मीडिया तय करती हैं मुद्दा उठाएं या दबाएं
- जाति पूछकर ही मकान तुड़वा दिए जाते है।
23.जाति पूछकर ही जमीनों पर कब्जे कर लिए जाते हैं। - जाति पूछकर ही नक्सली घोषित कर मरवा दिए जाते हैं
- जाति पूछकर ही वोट लिए जाते है दिए जाते है।
26.यहां तक कि मर जाने के बाद भी जाति पूछकर अंतिम संस्कार नहीं होने दिए जाते हैं।
और यह वो आतंक है जहां एक जाति दूसरी जाति पर हर दिन, हर घड़ी, हर मोहल्ले में पूरे देश में हजारों वर्षों से कर रही है।
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दैनिक जागृत भारत