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बहुसंख्यकवाद निगल जाएगा सभी अल्पसंख्यकों को……….

जैसे उसने मुसलमानों, इसाइयों, सिखों, बौद्धों के बाद अब जैनियों पर आक्रमण कर रहा है। हिंसा, नफ़रत, हत्या, मनुवाद, जातिवाद,हिन्दूवाद देश की मेलोडी को तहस नहस कर देगा। जो लोग कूद कूद कर इसे खाद पानी दे रहे हैं वो खुद भी नष्ट होने लगेगैं क्योंकि अराजक किसी के सगे नहीं हो सकते। अगर यह आग पूरी तरह भारत के कोने कोने में फैल गई तो न आप चैन से इस देश में रह पाएंगे और न रोजगार धंधे,विजनेस कर पाएंगे। भीड़ अंधी होती है और वो अपना घर भी जला देती है ।

हमने करोड़ों, अरबों का साम्राज्य ढ़हते हुए देखा है। इतिहास भी गवाह है। कुछ शरारती लोग अपनी कुर्सी और धन तथा वर्चस्व के लिए इस देश को बारूद की ढ़ेर पर सुलगा रहे हैं।

भारतीय संविधान में सबकी सुरक्षा की गारंटी है। जो लोग इस संविधान को नष्ट करेंगे वो खुद भी तथा उनकी जमात नष्ट हो जाएगी। आज देश में मनु का विधान नहीं चल सकता है क्योंकि इस देश में विभिन्न प्रकार की जातियों की संख्या करोड़ों करोड़ों में है जब उनपर बन आएगी तो क्या वो चूड़ियां पहनकर अपने घरों में बैठे रहेंगे, बिल्कुल नहीं वो अपने हक,हुकुक, समता, समानता, बंधुत्व, भाईचारा स्वतंत्रता के लिए उठ खड़े होंगे।

बंदूक, बारूद, कानून, पुलिस के डंडे से थोड़ी राष्ट्र चला सकता हैं। राष्ट्र चलाने के लिए संविधान ही सर्वोपरि है और उसका पालन करके ही हम एकसूत्र में बंध सकते हैं। इतने बड़े देश यानि इतनी बड़ी आबादी सैकड़ों संस्कृति सैकड़ों भाषा दर्जनों प्रदेश को मनुस्मृति यानि मनुविकृति थोड़ी हांक सकता है।

संविधान ही विधाता है इस देश का जो सभी के लिए फलने, फूलने का अवसर देता है। सभी को निश्चित यानि बिना भय, पक्षपात, राग, द्वेष के जिंदगी जीने का अधिकार देता है।
अभी तो संविधान बदलने की सुगबुगाहट ने मुसलमानों, इसाइयों, सिक्खों, बौद्धों और अब जैनियों को लपेट लिया है। कल्पना कीजिए जब संविधान नहीं रहेगा तो यह देश टपोरियों का देश बन जाएगा। लोग छोटे छोटे समूह अपनी अपनी जातियों का बनाकर एक दूसरे पर आक्रमण कर उसका धन दौलत हड़प लेंगे। वह संविधान ही है कि कई अल्पसंख्यक समाज अरबों की संपत्ति इकट्ठा किये हुए हैं और शानदार जानदार राजा महाराजा की जिंदगी जी रहे हैं, यह संविधान की ही ताकत है।

संविधान सिर्फ एससी एसटी ओबीसी माईनर्टिज ही नहीं उनकी भी रक्षा कर रहा है जो करोड़ों अरबों की संपत्ति बनाकर इस देश में बैठे हैं। संविधान खत्म होते ही वो भी इस देश में चैन से नहीं बैठ पाएंगे। अभी जैन मंदिर पर ये हमला भारत का भविष्य तर कर रहा है।

डा. परमानंद यादव शास्त्रीय गायक, मुंबई

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