असली शिक्षक माता सावित्रीबाई फुले

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असली शिक्षक दिवस
काल्पनिक सरस्वती नहीं!
माता सावित्रीबाई फुले का जन्म 3जनवरी 1831 में महाराष्ट्र के नायगांव में हुआ था! उनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था!
वर्ष 1840 में 9 वर्ष की आयु बचपन में उनका विवाह थोर समाज-सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले से कर दिया गया था!
विवाह के बाद अपने पति के सहयोग से सावित्रीबाई फुले ने लिखना-पढ़ना सीखा और अंततः दोनों ने मिलकर वर्ष 1848 में पुणे में भिडेवाड़ा नामक स्थान पर महिलाओं के लिये भारत का पहला विद्यालय खोला!
उस समय महिलाओं को पढ़ाना मनुवादी कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ माना जाता था! जब! वह स्कूल जाती थीं तो लोग अक्सर उन पर गोबर और पत्थर फेंकते थे लेकिन फिर भी वह अपने कर्त्तव्य पथ से विमुख नहीं हुईं!
गौरतलब है कि….
माता सावित्रीबाई फुले के लिये महिलाओं की शिक्षा और अछूतों की वकालत करना आसान नहीं था, क्योंकि महाराष्ट्र में बाल गंगाधर तिलक के नेतृत्व में वर्ष 1881-1920 के मध्य एक राष्ट्रवादी विमर्श चल रहा था जिसमें तिलक सहित इन राष्ट्रवादियों ने राष्ट्रीयता की क्षति का हवाला देते हुए लड़कियों/ महिलाएं तथा गैर-ब्राह्मणों के लिये स्कूलों की स्थापना का विरोध किया था!
वह एक कवयित्री भी थीं, उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है!
10 मार्च, 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया! गौरतलब है कि प्लेग महामारी के दौरान सावित्रीबाई फुले जी प्लेग के मरीज़ों की सेवा करती थीं! प्लेग से प्रभावित एक बच्चे की सेवा करने के कारण वह भी प्लेग से प्रभावित हुईं और इसी कारण से उनकी मृत्यु हो गई!
उनके सम्मान में वर्ष 2014 में पुणे विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय कर दिया गया!
भारत की पहली महिला अध्यापिका एवं नारी मुक्ति आंदोलन की प्रेरणा…..
🌹माता सावित्रीबाई फुले🌹*
सार्वजनिक जयंती उत्सव!
🌹शत:शत:🙏नमन🌹
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दैनिक जागृत भारत