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भाजप सरकार का भारतीय नागरिक कानून सुरक्षा 2023,187 जनता पर अन्यायकारक है ?


नरेंद्र मोदी,अमित शहा ने लये हुए नये काणून मे 187धारा का कानून जनता के लिये अन्यायकारक है इस कानुंन से दो महिने या तीन महिने भी आरोप सिद्ध हुये बगैर पोलीस कस्टडी मे रखनेका अधिकार पोलीस को दिया गया है ऐसे वक्त अगर पोलीस के अत्याचारसे कस्टडी मे रखे वयक्ती को पोलीस ने मार डाला तो उसका जबाबदार कोण रहेगा ?
भारत की पोलीस पैसेवाले लोगोसे पैसे लेकर सामान्य व्यक्ती पर झूठा केस दर्ज करणे पर बदनाम है पैसा खके सच का झूठ झूठ का सच करनेमे माहीर है पोलीस प्रशासणपर गृहमंत्री की कमान नहीं है सत्ताधारी राजकारणी योके दबाव मे पोलीस को काम करना पडता है ऐसे एकत अगर कोई सामान्य व्यक्तीपर द्वेष भावनासे पैसे डेकर पोलीस केस दर्ज करके झुठ्ठए ईलजाममे फसाये अओरुस व्यक्ती को दो महिने तीन महिने पोलीस कस्टडी मे रखें ऊस वकट पोलीस अत्याचार मे अगर ऊस बगैर् गुनाह साबित हुए व्यक्ती की मृत्यू हो जाय या पोलीस उसे मार डाले तो उसका जिम्मेदार कोण होगा ये इस तरह कानुंन बनाते समय व्हा इंसानियत से कानुंन तज्ञ कोई था ही नहीं था क्या
आझाद भारत का काणून जनता के कलल्यांका का होना च्याहीए अभी संसद अधिवेशन चालू है 2024 की ये मिलिझुली सरकार है स्पस्ट बहुमत नहीं होने के कारण भाजपा सांसद मुरझाये हुये चेहरे लेके सदन मे बैठं हैं और आजादि के बाद पहिली बार नमो बुध्दाय जयभीम,जय संविधान के शपथ विधी मे नारे गुंजे है इस्से भी मनुवादी भाजप सांसदो के चेहरे पडे हुए है उन्हे हिंदुराष्ट्र भारत को घोषित करना था लेकीन 2024 मे जयभीम,नमोबुद्धाय के नारे जय संविधान के नारे गुंजने लगे संसदमे तो भारत को हिंदुस्थान कहैनेवाले हैरत मे पड गये ये 2023 के तीनों काणून पास करते वक्त विरोधी विपक्ष सदनसे बाहर किए गये थे फिर भी इस तरह मनमानी कारभार पर सुप्रीम कोर्ट अंकुश लगा सकते हैं अगर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट मे गये तो जनता पर अन्याय हो ऐसे कानुंन अगर सरकार एकतर्फे करता है तो विपक्ष सुप्रीम कोर्ट मे चूनाओती दे सकते हैं
2014 से संसद अधिवेशन मे भाजपा के संसदो के चेहरे क्रूर,,क्रोधी प्रवृत्ती के दीखते है काल्पनिक कथा रामायण महाभारत मनुस्मृती मे जिस तरह दानवो को दीखाया गया वही बोलना संसद मे जोर जोर से चिल्लाणा आवाज लगाना शोर करना ये रवय्या भाजपा के सांसदोका नजर आया हैं और उसी तरह ये 2023के कानुंन भी जनता पर थोपे गये पाहिले पंधरा दीन की पोलीस कस्टडी होती थी चोबीस घनटे के पाहिले व्यक्तिजो पोलीस हिरासत मे है उसे कोर्ट के सामने पेश करना पडता था उसे मॅजिस्ट्रेट कस्टडी मे जेल मे रख सकते थे पर अभी बगैर गुनाह साबित हुए ऊस व्यक्ती को पोलीस दो या तीन महिने पोलीस कस्टडी मे रख् स्केंगे पोलीस को ये दिये गये अधिकार जनता पर अन्याय अत्याचारकरी है वेसेही पोलीस प्रशासन कर्तव्यदक्ष जो नहीं होणे की कही खबरे अखबार अवर शॉशल मीडिया पर देखणे मिलतीही है ,इस कानुंनसेपोलीस अपने मनमर्जी जनता पर अण्ण्यय अत्याचार करेंगे फिर उसका काईभि जिम्मेदार नहीं रहेगा ऐसे भारत के नये कानुंन रद्द करना ही उचित हैं किसानोके जिस तरह तीन कानुंन सरकारने मजबुरन रद्द कर दिये .गरीब,सर्वसामान्य नागरिक को सुविधा हो ऐसे ही कानुंन भारत मे होना जरुरी हैं प्रजातंत्र का वही मकसद है,पोलीस सभ्य लॉगोको संरक्षण देणे के लिये हैं और समाजघातकी अशांती फैलाने वालोपर कारवाई करणेके लिये हैं 2014 से गरीब,किसान, मजदुरोपर सामान्य बेगुनाहगरोपर लठ्ठीया डनडे से पिटा जा रहा है क्रूर क्रोधी भ्रष्टाचारी राजकारणी सत्ताधारी आँखो से देखे खामोष है द्वेष भावनासे झुठ्ठ केस मे कीसिकोभी फ्साया जा रहा जेल मे ठुसा जा रहा भारत की वर्तमान राष्ट्रपती महामहीम द्रौपदी मूर्मु ने भी ये बात अपने वकतवय मे जतायी है और विधितज्ञ लोग भी इस काणुन पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं
अनिरुद्ध शेवाळे प्रतिभावंत प्रबोधनकार कला साहित्य संघ परिवार राष्ट्रीय प्रबोधनकार संस्थापक अध्यक्ष कवी गायक संगीतकार सिने नाट्य अभिनेता नागपूर महाराष्ट्र जय प्रबुद्ध भारत 9823368332,9146867692

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