चालाक चोर; भोली जनता..!
चोर बहुत चालाक होते हैं, जब वो भैंस चुराते हैं तो सबसे पहले वो भैंस के गले से घंटे को खोलते हैं।
फिर
एक चोर घंटा बजाते हुए पश्चिम की ओर भागता है
और
बाकी चोर भैंस को पूर्व की ओर ले जाते हैं।
गांव के लोग घंटे की आवाज सुन कर पश्चिम की ओर भागते हैं,
और आगे जाकर चोर घंटे को फेंक कर भाग जाता है।
इसलिए गांव वालों के हाथों में सिर्फ घंटा ही आता है
और चोर भैंस चुरा ले जाते हैं।
हमारी भैंस
“अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य , महिला सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार,पीने योग्य पानी,किसान रक्षा,प्रदूषण रहित हवा जैसे और कई अनगिनत मुख्य मुद्दे हैं।
भैंस का घंटा
370, 35A, पुलवामा, तीन तलाक़, मंदिर-मस्जिद, हिन्दू-मुस्लिम, दलित-सवर्ण, बिहारी-गुजराती, नेहरू-पटेल, हरा-भगवा, पाकिस्तान-चीन।”
ये सिर्फ़ भैंस की कहानी ही है। सोचा सुना दूं.. !
बाकी आप तो समजदार हो.. !
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दैनिक जागृत भारत