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सियासत, परिवार वाद की

अशोक सवाई
बिहार में इंडिया गठबंधन के महाविशाल रॅली को संबोधित करते हुवे लालू जी ने अपने खास 'लालू' अंदाज में मौजूदा प्रधानमंत्री के परिवार वाद को छेडा और चुनवी सियासी माहोल गरमागरम हो गया। इस से बीजेपी बौखला गयी। वैसे वो विरोधीयों के वास्तव बयां से हमेशा बौखलाती है। इसके कहीं उदाहरण जनता ने देखे होंगे।
इसके जवाब में जहांपनाह जी ने तेलंगणा की रॅली में (यह रॅली बिहार की रॅली के मुकाबले बहोत छोटी थी। बहोत ही छोटी...) कहाॅं मेरा परिवार 140 करोड जनता का परिवार है, सारा देश परिवार है। इस भाषण में उन्होने कहाॅं था की, यह चुनावी भाषण नही विकास का भाषण है, और अंत में उन्होने एनडीए चार सौ के पार का नारा दिया। इतना झूठ? इसी भाषण में साहब जी हकलाते हुवे नजर आए। यह हकलाना पहली बार नही था उनका। पिछले दस साल में वे कही बार हकलाते नजर आए थे। चलो यह भी मान लेते है की, कभी कभी ये इन्सानी आदत भी होती है। लेकिन वे गुज़रे हुवे दस साल में रोते नजर आए, जरूरत से जादा इमोशनल होते हुवे भी नजर आए। विश्वगुरू और इतने कमजोर? वो भी संघ परिवार का आशिर्वाद उनके सर पर होते हुवे? ना... ना... ना! वो तो उनका अभिनय था जी। खैर...
अगर उनका 140 करोड लोगों का परिवार है तो उस में चिन्मयानंद, कुलदीप सेंगर, हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदू लडकी के साथ बलत्कर करनेवाले तीन नराधम बलत्कारी है, बिल्कीस बानो के ११ संस्कारी बलत्कारी के साथ ऐसे कही बलत्कारी है। भ्रष्टाचारी है। वीरोधीयों का सर, जुबां और हात कलम करने का ऐलान करने वाले साधू, बाबा उनके परिवार में है। विशेष धर्मस्थल के सामने हवा में नंगी तलवारे लहराते हुवे कट्टर पंथी झुंड वाले, कट्टर पंथी सांसद रमेश विधूरी है, ... जूते मारो ××को बोलने वाले, बॅंक को डुबों कर भगोडे भी उनके परिवार में है। बडे बडे धन्नासेठ अपना अरबों/खरबों का कर्जा माफ करने के लिए सरकार से याचना करनेवाले याचक भी है। जिनके कर्ज माफी में देश के करदाताओं का पैसा शामिल है। महिलाओं का अपमान करनेवाले, मणिपूर में महिलाओं को विवस्त्र सडकों पर घुमाने वाले, बाहुबली, एससी, एसटी, ओबीसी समाज के दबे, कुचले तबके को रौंदने वाले, उनके सर पर पेशाब करनेवाले, अपने गंदी मानसिकता से उनके द्वारा अपना थुक चटवाने वाले, अपने जुतों से उनको पानी पीने पर मजबूर करनेवाले, अतिपिछडे समाज के दुल्हे को घोडीपर चढने से उसके साथ मारपीट करनेवाले, मुछे रखने पर हत्या करनेवाले, छोटे स्कूली बच्चे ने मास्टर का पानी का घडा छूने पर मरते दम तक उस छोटे बच्चे की पिटाई करनेवाला स्कूल मास्टर, आज भी अछूत की नजर से देखनेवाले और जो मंदिर में जानेवाले लोगों की गंभीर रूप से पिटाई करनेवाले पंडे, हिंदू-मुसलमान करनेवाले, हिंदूस्थान- पाकिस्तान करनेवाले, महंगाई बढाने वाले, स्वास्थ सेवाएं महंगा करनेवाले, शिक्षा को बंद करनेवाले, सिंधू बाॅर्डर पर कीसानों पर आंसू गॅस के गोले डागने वाले उन पर रबर बुलेट का प्रयोग करनेवाले, इव्हीएम का विरोध करने पर सुप्रीम कोर्ट के सिनियर वकीलों को उच्च पुलिस अधिकारी के आदेश पर पुलिस द्वारा हिरासत में लेनेवाले, आंदोलनकारी पर डंडे चलानेवाले, अपने ज़मीर को बेचकर पत्रकारीता करनेवाली 'गोदी' मिडिया, अपने बुद्धी के बल का प्रयोग न करनेवाले अंधभक्त ऐसे तमाम लोग है जो साहब जी के परिवार का हिस्सा है। पहले 'मै भी चौकीदार हूँ' ऐसा ट्रेंड चला था। आज 'मै भी साहब के परिवार से हूँ' ऐसा कॅम्पेन चल रहा है। यह परिवार हुजूर-ए-आलम जी का सगा परिवार है।
आर्टिकल 19 के तहत जो सरकार की गलत नितीओं का, प्रशासन के गलत व्यवहारों का विरोध करते है, आलोचना करते है, विरोध में आंदोलन करते है, विरोध में लिखते है, बोलते है, भाषण करते है, ऐसे भारत के 85 फ़िसदी लोग है जो 140 करोड लोगों के परिवार में आते है। वो भी तो जहांपनाह के परिवार का हिस्सा है, यह विशाल विरोधी परिवार उनका परिवार तो है मगर सौतेला परिवार है, इस लिए उनके साथ सौतेलापन का दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
- अशोक सवाई
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दैनिक जागृत भारत