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एक समाजिक सोच के व्यक्तित्व डॉ. डी. एस. सावंत.- अशोक सवाई

(सामाजिक)


हमारे भारतीय समाज में कही विचारधारा के व्यक्ती है। जैसे की, प्रगतिशील, वामपंथी, कट्टरपंथी, वगैरा वगैरा..उस विचारधारा के तहत लोग सामाजिक, राजकीय, सांस्कृतिक, साहित्यिक, संत परंपरा, क्षेत्र में काम करके अपना अपना योगदान देते है। भारत देश विविधता से संपन्न है। विभिन्न भाषा, वेशभूषा, खानपान, रहनसहन, विभिन्न संस्कृती यह सब एक धागे पिरोकर उसकी जो खूबसुरत माला बनी है, उसे ही हमारा भारतीय समाज कहाॅं जाता है। इस समाज में अपना सामाजिक योगदान/दायित्व निभाने के लिए कही ज्ज्ञात/अज्ज्ञात सामाजिक संस्था/व्यक्ती काम करते है। इन सामाजिक संस्था/संघटन या व्यक्तीयों का प्रेरणास्त्रोत हमारे मूलनिवासी बहुजन महानायक/महानायिका ही है, यह अलग से कहने की जरूरत नही। तो ऐसे संस्था या व्यक्तीं लोगों को हमेशा हमारे महापुरुष महामाता के कार्य से उनके इतिहास से अवगत करते रहते है। इससे कही लोग प्रेरणा लेकर अपने जिवन में मार्गक्रमण करते है। उनके विचारों के नक्क्षे कदम चलकर हम सामान्य जन कट्टर पंथी सोच की आंधी तुफाॅं में भी मजबुती से खडे रहने की ताकद रखते है। खैर…

व्यक्तीगत रूप से अपना सामाजिक दायित्व निभानेवाले ऐसे ही एक हमारे परमस्नेही है। जिनका नाम है *डाॅ. डी. एस. सावंत* उन्होने अपने शुरवाती शिक्षा काल में काफी आर्थिक एवं सामाजिक संघर्ष किया है। ऐसा संघर्ष करते करते वे एक ऐसे उचे मकाम पर पहुंचे है की हमें उनका गर्व होना स्वाभाविक है।

देविदास विक्रांत कदम, तुलजापूर इनके मराठी आर्टिकल का आधार लेते हुवे पाठकों को हम प्रथम डॉ. डी. एस. सावंतजी के शिक्षा से अवगत कराते है। डॉक्टर साहब ने एम. काॅम. मुंबई, एल.एल.बी मुंबई, एल. एल. एम. पुणे, एम. एम. एस. फायनान्स मुंबई, एम. फिल (लाॅ) मुंबई, और पीएचडी (लाॅ) मुंबई इसके अलावा वे कही डिप्लोमा के धनी है। युं कहिए की आज के तारीख में वे उक्त डिग्रीया एवं डिप्लोमा के मुख्तार मालिक है। साथ साथ उनकी सहचारिणी भी स्वास्थ्य सेवा चिकित्सक (डॉक्टर) है। दोनो एक दुसरे का साथ निभाते हुवे अपने सामाजिक दायित्व को आगे बढाने की कोशिश कर रहे है।

हमारे डॉक्टर साहब शिव, फुले, शाहू, आंबेडकर की मजबूत विचारधारा पर विश्वास रखनेवाले और उस पर चलनेवाले व्यक्ती है। इससे अलग वे किसी प्रकार का समझौता करने को तयार नही है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकरजी ने एक जगह कहाॅं था *’अगर सामाजिक कार्य आगे बढाने के लिए उस संघटन या व्यक्ती के पास अपनी कोई समाचार पत्रिका नही होती तो उसकी स्थिती पंछी के पर कतरने जैसी होती है’* हमारे परमस्नेही ने यह बात ध्यान में रखते हुवे अपनी नोकरी संभालते हुए उन्होने अपने वेब पोर्टल पर *’दै. जागृत भारत’* नाम की समाचार पत्रिका निकाली है। इसका कारोबार महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलो में फैल चुका है। इस पत्रिका में हिंदी, मराठी आर्टिकल लिखनेवाले लेखकों को वे समान रूप से न्याय देते है। कुछ अंग्रेजी आर्टिकल्स भी छापने का काम करते है। इस पत्रिका को चलाने के लिए वे किसीसे किसी प्रकार की आर्थिक सहाय्यता की अभिलाषा नही रखते। इसके लिए उनको हर माह दस हजार से भी ज्यादा रुपये खर्च करने पडते है। वो केवल अपना सामाजिक दायित्व एवं योगदान निभाने के लिए।

उन्होने खुद्द नामांकित पत्रिका दैनिक वृत्तरत्न सम्राट में स्तंभ लेखक के रूप में काम किया है। कही मासिकों में समाज के ज्वलंत प्रश्न पर आर्टिकल लिखे है। और उसके माध्यम से व समाज जागृती का काम करते है।उन्होने अपने सामाजिक योगदान के लिए कही विषय पर कही सारे किताबे लिखी है। अगर किसी को उनके किताबे पढ़ने की इच्छा हो, मन हो, लगन हो तो आप उनसे किताबे मंगवा सकते है। जैसे वे विविध विषय के प्रभावशाली लेखक है वैसे ही प्रतिभाशाली वक्ता भी है। उनको विभिन्न सामाजिक संस्था द्वारा विभिन्न पुरस्कारोंसे नवाज़ा गया है। जैसे की फुले, शाहू, आंबेडकर मंच का “समाज भूषण” पुरस्कार हो, या दै सम्राट का “उत्कृष्ट स्तंभलेखक” का पुरस्कार। डॉक्टर साहब ने अपने व्यक्तीगत रूप से आज तक हजारो पारिवारिक एवं सामाजिक मामले सूलझाए है जो समस्याग्रस्त थे। अपनी शिक्षा का प्रयोग वे इसी काम में लगा रहे है। वैसे तो उनका निवास स्थान थाना में है परंतु वे मुंबई में सेंट्रल रेल्वे की बॅंक में चीफ मॅनेजर के पद पर कार्यरत है। वे अपनी नौकरी संभाल कर निस्वार्थ भाव से जटिल सामाजिक कार्य का भार अपने कंधोपर ढ़ो रहे है।

कुछ लोग ऐसे होते है मानो उन्होने सामाजिक कार्य के लिए ही जन्म लिया हो। डॉक्टर साहब के लिए यह बात बिलकूल सटीक बैठ जाती है। इनो ने बहुत सारे सामाजिक, धार्मिक संस्था से जुडे है और उनको आर्थिक मदत देने का काम किया है! परंतु हमारे डॉक्टर साहब शौहरत या प्रसिद्धी चकाचौंद से या प्रसिद्धी माध्यमों से हमेशा दूर रहना पसंत करते है। ऐसी गहरी सोच रखनेवाले व्यक्ती की यह बढ़प्पन की निशानी होती है। परंतु हमारे जैसे लिखनेवालों की नजर जब उनपर पडती है तब हमारी कलम उनको रोशनी में लानेकी कोशिश करती है।

            डॉक्टर साहब ने एक गंगूबाई ऐदाळे नाम की निराधार वृद्धा को सहारा दिया। उनकी अपनी माता जैसी देखभाल की और आखरी वक्त तक उस वृद्धा की सेवा की। आश्चर्य इस बात का है की, आमतौर पर कोई भी उद्घाटन समारोह किसी सेलिब्रिटी या तो किसी राजनैतिक व्यक्ती के हातोंसे किया जाता है परंतु हमारे परमस्नेही ने ऐसा नही किया उन्होने अपनी सहचारिणी के चिकित्सालय का उद्घाटन समारोह गंगूबाई के हातोंसे किया। उस वक्त गंगूबाई भावूक हुयी। उनकी मानसिक स्थिती क्या होगी कितनी गदगद हुयी होगी इसका अंदाजा पाठक लगा सकते है। और तब से गंगूबाई को अपना एक पुत्र मिला ऐसी उनकी भावना हुयी। इस अंशतः भाग के लिए हमने दत्ता गायकवाड, सोलापूर इनके  मराठी आर्टिकल का आधार लिया है। खैर... 

डॉक्टर साहब अपने हकक् अधिकार के लिए भी बहुत जागृत है। वो अन्याय कतई सहन नही करते। नोकरी मे भी संघर्ष करते करते अपने हक अधिकार को लेने काम संघर्षपूर्वक किया है। उसके लिये उन्होने कानूनी और सामाजिक मदत भी लियी थी।

            हमारे परमस्नेही की एक खास बात हमने ऑब्झर्व्हर कर ली है, वो है उनकी आवाज। व्यक्तीगत रूप से हमें लगता है उनकी आवाज किसी नभोवाणी के निवेदक जैसी दमदार है। या उसके आगे कहें तो वे हिंदी में संवाद करते है तो उनकी आवाज हिंदी फिल्म के दमदार अद़ाकार ओम पुरी या अमरीश पूरी जैसी भारी भरकम लगती है। उनकी यह आवाज उनके लिए प्रकृती एक की देन है। वो हर किसी के नशीब में नही होती। जैसे जैसे वे अपनी उम्र के साथ आगे बढेंगे वैसे वैसे उनकी आवाज में और भी निखार आने लगेगा यह हमारा व्यक्तीगत निरिक्षण है। खैर... 

वो डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के फॉलोवर होने के कारण और तथागत बुद्ध को आपणा मार्गदाता मानते है। और बुद्ध के शिक्षा के अनुसार चलने की कोशिश करते है। वो पंचशील का पालन करने का पूरा प्रयास करते है। युवक, युवती शिक्षा के मार्ग पे चले, पंचशील का पालन करे। इसलिये उन्होने कौठुळी तालुका आटपाडी जिल्हा सांगली 4000 स्क्वेअर फिट मे बेहतरीन बुद्ध विहार, (माणदेश मैत्रेय बुद्ध विहार), भिकू निवास, लायब्ररी (सिम्बॉल ऑफ नॉलेज लायब्ररी) तथा भव्य कमान गेट का निर्माण किया है।

            समाजिक भला चाहनेवालों के लिए ही उनकी सामाजिक सेवा कहाॅं जाता है वो सेवा हमारे परमस्नेही डॉक्टर साहब बडे मन लगाकर कर रहे है। उनका हर कार्य काययाबी की बुलंदी छुए ऐसी मनोकामना व्यक्त करते है। 

अशोक सवाई
91 5617 0699

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