“महामानव, बोद्धिसत्व, संविधान निर्माता”
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🙏भारतरत्न बाबासाहेब डॉ अम्बेडकर🙏
“68वें परिनिर्वाण दिवस पर कोटिशः नमन”
14अप्रैल,1891-06दिसम्बर,1956
संविधान निर्माता, बौद्धधम्म के पुनरोद्धारक, सदैव वंदनीय, प्रकाशपुंज बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर साहेब के 68वें परिनिर्वाण दिवस 06 दिसम्बर, 2024 पर हम उन्हें कुछ इस प्रकार स्मरण करते हैं कि अगर जननायक, राष्ट्रनायक, राष्ट्रसंयोजक बाबा साहेब नहीं होते तो क्या होता?
इस सच्चाई को जानने के लिए, आइए, हम कुछ प्रश्नों पर विचार करते हैं कि हम बाबा साहेब को नमन क्यों करें? हम उनकी जयंति पर उनकी तस्वीर और प्रतिमा के समक्ष दीपक प्रज्वलित क्यों करें? हम उनके परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि क्यों दे? हम उनकी तस्वीर व प्रतिमा पर माल्यार्पण क्यों करें?
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि बाबा साहेब अतुलनीय अद्भुत प्रतिमा के धनी तो थे ही, साथ ही साथ एक विशाल अमिट व्यक्तित्व के स्वामी भी थे।
अब हम जानने की कोशिश करते हैं कि अगर बाबा साहेब नहीं होते तो क्या होता?
01. अगर संविधान निर्माता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान नहीं होता!
02. अगर राष्ट्र निर्माता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज कार्यपालिका, न्यायपालिका, व्यवस्थापिका का प्रजातांत्रिक स्वरूप नहीं होता!
03. अगर राष्ट्रप्रेमी डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज सरहदों पर इतना मजबूत सुरक्षा कवच नहीं होता!
04. अगर मानवतावादी डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज धार्मिक और साम्प्रदायिक सौहार्द नहीं होता!
05. अगर अर्थशास्त्री डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नहीं होता।
06. अगर योजनाकार डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज पंचवर्षीय योजनाओं, जल योजनाओं, विद्युत योजनाओं का सुचारू संचालन नहीं होता!
07. अगर मजदूर नेता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी मजदूरों के शोषण का अंत नहीं होता!
08. अगर श्रममंत्री डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी श्रम कानून नहीं होता!
09. अगर कर्मचारी नेता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी कर्मचारियों के कार्यों के घंटों का, छुट्टियों का, पीएफ-जीपीएफ का, वेतन का, भविष्यनिधि आदि का निर्धारण नहीं होता!
10. अगर बोद्धिसत्व बाबा साहेब नहीं होते तो देश में आज बौद्धधम्म का पुनरोद्धार नहीं होता!
11. अगर समाजसुधारक डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी रूढिवादी कुरीतियों का अंत नहीं होता!
12. अगर समतामूलक समाज के जनक डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में कभी भी भेदभाव, छुआछूत, ऊँच-नीच, अन्याय, अत्याचार वाली कुत्सित जातीय व्यवस्था का ढाँचा धराशायी नहीं होता!
13. अगर दूरगामी डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी पिछड़ों व वंचितों को आगे बढ़ने का अधिकार नहीं होता!
14. अगर महिला उद्धारक डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी का अधिकार नहीं होता!
15. अगर समानता के पैरोकार डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी गैरबराबरी का अंत नहीं होता!
16. अगर विद्वान डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी पिछड़ों, वंचितों और महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं होता!
17. अगर पीड़ितों के मसीहा डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास मानवीय जीवन जीने का अधिकार नहीं होता!
18. अगर वंचितों के विधाता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास सरकारी नौकरी करने व पद-पदोन्नति पाने का अधिकार नहीं होता!
19. अगर राजनीतिज्ञ डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास मत देने व चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होता!
20. अगर राजनेता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार नहीं होता!
21. अगर प्रशासक डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास कलेक्टर, एसपी, कुलपति, रजिस्ट्रार, प्राचार्य, अधीक्षक व अधिकारी बनने का अधिकार नहीं होता!
22. अगर विधिवेत्ता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास जज, विधि अधिकारी, वकील, ऑथ कमिश्नर, नोटरी पब्लिक बनने का अधिकार नहीं होता!
23. अगर शिल्पकार डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास पक्के निवास बनाने व संसाधन जुटाने का अधिकार नहीं होता!
24. अगर बचतकर्ता डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास धन संचय करने का अधिकार नहीं होता!
25. अगर शिक्षाविद् डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के हाथों में अपनी योग्यता के आधार पर अपनी तकदीर लिखने का अधिकार नहीं होता!
26. अगर जनप्रतिनिधि डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास प्रतिनिधित्व का अधिकार नहीं होता!
27. अगर कानून मंत्री डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या के पास जातीय अत्याचारों से लड़ने का अधिकार नहीं होता!
28. अगर हमारी आन-बान-शान डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी 85% जनसंख्या को स्वाभिमान का अहसास नहीं होता!
29. अगर शक्तिशाली डॉ अम्बेडकर साहेब नहीं होते तो देश में आज भी मनुवादियों के दिलों में बाबा साहब के लिखे संविधान और विधि-विधान का खौफ नहीं होता!
इसीलिए
हमारा मस्तक परमश्रद्धेय, परमसम्माननीय, परमादरणीय, परमपूज्य, भारतरत्न, संविधान निर्माता, बोद्धिसत्व, बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर जी के समक्ष उनके सम्मान में बारम्बार झुकता है।
आइए, हमारे मुक्तिदाता, मार्गदाता, भाग्यविधाता, संविधान निर्माता बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस 06 दिसम्बर पर प्रत्येक वर्ष उनकी तस्वीर अथवा/और प्रतिमा को माल्यार्पण कर सच्चे मन से श्रद्धा के सुमन अर्पित करें।
ये चंद पंक्तियाँ समर्पित हैं हमारे बाबासाहेब को :—-
अविस्मरणीय है बाबा साहेब का बलिदान।
जिनके बलिदान से मिला देश को संविधान।।
जन-गण-मन का राष्ट्रनायक है बहुत महान।
जिनसे मिला समता और समानता का विधान।।
अमीर-गरीब सबको अधिकार दिये एक समान।
ना कोई छोटा, ना कोई बड़ा, सबका है मान।।
महिला-पुरुष सबके लिए है समान विधान।
लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष हैं राष्ट्रधर्म महान।।
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बाबासाहेब चिराग जला गये हमारे जीवन में।
हम भी एक चिराग जलाएं उनके स्मरण में।।
गर वो ना होते तो हम भी ना होते इस चमन में।
एक-एक कतरा उनका ऋणी है इस वतन में।।
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अनेक-अनेक, कोटि-कोटि, शत्-शत्, लख-लख नमन करते हैं बाबासाहेब के वंदन में….
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दैनिक जागृत भारत