14, 15 अक्टूबर का भारत के इतिहास में विषेश महत्त्व है ।
14 अक्तूबर को बाबा साहब ने स्वयं बौद्ध धर्म दीक्षा ली।और 3 लाख 80 हजार लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी ।
इस दिवस को धर्मचक्र अनुवर्तन /धम्मदीक्षा दिवस कहा ज्याता है
15 अक्तूबर को बाकी 2 लाख 20 हजार लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी । और उनका प्रबोधन किया
इसलिए 15 अक्टूबर धर्मदीक्षा प्रबोधन दिवस कहते है
इस प्रकार हमारे लिए 14 एवं 15 अक्तूबर दोनों दिन का विशेष महत्त्व है।
बाबा साहब ने 14,अक्तूबर को बौद्ध धर्म को पुनः गतिमान किया इसलिए इसे धर्मचक्र अनुवर्तन दिवस कहा जाता है।
☸️धर्म चक्र अनुवर्तन दिवस☸️
की आजके बौद्धों को विनयपुर्वक सदिच्छाएं
धर्मविजय दिवस (अश्विन शुद्ध दशमी)
धर्मचक्रअनुवर्तन दिवस (14 अक्तूबर 1956)
धर्मदीक्षा_प्रबोधन दिवस (15 अक्तूबर 1956)
धर्मचक्र_प्रवर्तन दिवस (आषाढ़ पूर्णिम)
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दैनिक जागृत भारत