दिल्ली में बहुजन समाजका जनसैलाब
पूरे देश ने बहुजन समाज की एकता का जो जनसैलाब दिल्ली में देखा उससे एक बार फिर ये साबित हो गया-
“हक-अधिकारों की लड़ाई में निमंत्रण नहीं भेजे जाते, जिनका ज़मीर ज़िंदा हो, वे खुद दौड़े चले आते हैं।”
देश के हुक्मरानों की नाक के नीचे देश की राजधानी में आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के साथ लाखों बहुजन योद्धाओं ने बहुजन एकता की इस जंग में सिपाही की तरह अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुए प्रण लिया कि–
1) जाति जनगणना के साथ ही आर्थिक जनगणना के लिए व्यापक आंदोलन चलाएंगे जिससे पता चल सके देश के संसाधनों पर कौन कब्ज़ा जमाए बैठा है?
2) ओबीसी वर्ग के लिए 27% के अतिरिक्त 15% और शेड्यूल्ड कास्ट (एससी) के लिए 15% से अतिरिक्त 10% आरक्षण बढ़ाने के प्रावधान की मांग के लिए सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष।
3) SC-ST में क्रीमीलेयर ढूंढने के नापाक मंसूबों को तो किसी कीमत पर कामयाब होने ही नहीं देंगे। साथ ही OBC के जबरन क्रीमीलेयर के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
4)सरकारी नौकरियों में बैकलॉग(जो लाखों की संख्या में है) पूरा कराकर छोड़ेंगे।
5) निजी क्षेत्र में SC/ST व OBC को आरक्षण की पूर्ण व्यवस्था के लिए पुरज़ोर प्रयास करेंगे।
6) सफाईकर्मी की नौकरी में ठेकेदारी समाप्त कर पक्की नौकरी देने और गटर में उतरने की अमानवीय व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म कराने किए संघर्ष करेंगे।
7) समान कार्य समान वेतन के लिए प्रतिबद्धता।
8) SC/ST व OBC को प्रमोशन में रिजर्वेशन।
9) 2 अप्रैल 2018 के सभी मुकदमे वापस होने तक संघर्ष।
10) पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
और अंत में, सरकार की तरफ से दलित समाज की एकता को बांटने का जो प्रयास किया गया है उसके खिलाफ हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिससे की समाज के हर व्यक्ति को सरकार के षड्यंत्र से वाकिफ कराया जा सके।
नमो बुद्धाय, जय भीम, जय मंडल, जय जोहार।
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दैनिक जागृत भारत