कायदे विषयकदेशमहाराष्ट्रमुख्यपानविचारपीठ

बहन मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि आपातकालीन स्थिति यानी इमरजेंसी है और आप अपने बच्चों का भविष्य बचाएँ।

मुख्य बातें:

  1. संसद के इसी सत्र में संविधान संशोधन लाया जाए और मूल संविधान को बहाल रखा जाए कि एससी और एसटी की लिस्ट बनाने और बदलने का अधिकार सिर्फ़ राष्ट्रपति को है। साथ ही उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 341 और 342 के तहत जो व्यवस्था है, उसे नवीं अनुसूची में डालकर कोर्ट के हस्तक्षेप से मुक्त किया जाए।
  2. अगर ये नहीं किया जाता है तो आरक्षण ख़त्म हो जाएगा। सीटें ख़ाली रह जाएँगी और सीटें जनरल में ट्रांसफ़र कर दी जाएँगी। एससी-एसटी और ओबीसी के लिए ये आपातकाल यानी इमरजेंसी 🚨 है।
  3. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से अब आरक्षण ख़त्म करने के लिए “संविधान को बदलने की भी ज़रूरत नहीं है।” ये रास्ता खुल गया है। ये बेहद ख़तरनाक स्थिति है।
  4. केंद्र सरकार, यानी बीजेपी और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में बँटवारे की वकालत की इस लिए ये स्थिति आई। उन्होंने तीनों पार्टियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि ये सब आरक्षण विरोधी हैं।
  5. उन्होंने ख़ास तौर पर केंद्र के अटॉर्नी जनरल और सोलिसिटर जनरल का ज़िक्र किया, जिन्होंने बँटवारे का कोर्ट के अंदर समर्थन किया और ये संकट आया।
  6. उन्होंने सपा को भी प्रमोशन में आरक्षण का विरोध करने के लिए आड़े हाथों लिया।
  7. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करे।
  8. उन्होंने एससी, एसटी, ओबीसी के लोगों से कहा कि बच्चों के भविष्य और संविधान को बचाने के लिए तत्पर रहें।
  9. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बसपा को कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौक़ा नहीं दिया गया।

संपूर्ण महाराष्ट्रातील घडामोडी व ताज्या बातम्या तसेच जॉब्स/शैक्षणिक/ चालू घडामोडीवरील वैचारिक लेख त्वरित जाणून घेण्यासाठी आमच्या व्हाट्सअँप चॅनलला Free जॉईन होण्यासाठी या लिंकला क्लीक करा

तसेच खालील वेबसाईटवर Click करा
दैनिक जागृत भारत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: कृपया बातमी share करा Copy नको !!