बाबरी मस्जिद का निर्णयने न्यायव्यवस्था को कलंकित की–अनिरुद्ध शेवाळे

बाबरी मशिद का निर्णय देनेवाले वो मॅजिस्ट्रेट बेवकूफ थे?
भारत के संविधानकार डॉ बाबासाहेब आंबेडकरजी ने पाहिलेही कहा है के जो मॅजिस्ट्रेट आर एस एस ,ब्राम्हण प्रवृत्ती के होंगे वो न्यायवयवस्था मे सही न्याय नहीं देंगे वैसाही बाबरी मस्जिद का फेसला हुवॉ है|
बगैर पुरावा कॉईभी निर्णय नहीं दे सकते, किसी परंपरावोके अंधभावणावॉके आधारपर निर्णय नहीं दे सकते,सरकार यकिसी संस्था के दबाव मे आकार निर्णय नहीं दे सकते. इन सब नियमोको तोडकर न्यायव्यवस्था को कलंकित करके बाबरी मस्जिद का निर्णय हुवा है. हाऊस मॅजिस्ट्रेट को उसके बदले राज्यसभा का सदस्य भाजपा ने बनाया. तो इस्तरह ऐसे लालच देकर भारत की न्यायव्यवस्था काम करेगी क्या? जो अभी भारत मे किसीकांभी राजकीय पक्ष काई भी ले लेता पार्टी का सिम्बॉल कोईभी ले लेता येही संविधान बदला गया. अब क्या संविधान बदलने का रहा? बेकाणूनी न्यायव्यवस्था चल रही..
बाबरी मस्जिद ही नाही थी भारत मे प्रासेंजीत राजा बौद्ध थे उनकी साकेत नगरी व्यावसायिक व्यापार का बडा शहर था जहा बौद्ध भिखखू के आराम करणे के लिये भिखू संघ के संघाराम थे भारत बौद्ध राष्ट्र है था और रहेगा कतई ये हिंदुस्थान या हिंदू राष्ट्र नहीं होगा सनातन वैदिक हिंदू परंपरा के अज्ञानी लोग खूदको हिंदू कहैने लगे इसबातका फायदा परशुराम के भक्तब्रामहण समूह ने लिया अओर बुद्ध विहार के गुंबद को तोड डाले हालाकी मॅजिस्ट्रेट ने उन कार सेवको पर मुकदमा चलाना था जिनहोणे इस पुरातन वास्तू को नुकसान पहूचाया था राम ना तो हुवॉ ना रामायण हुवॉ ये तो मानव काल मे कही लेखकोने लिखी हुयी काल्पनिक काहानिया है जो परंपरा मे मनोरंजन के ताओरपर रूढ हो गयी तुलसीदास जी ने मोघल साम्राज्य के समय रामायण लीखा ,वाल्मीक का रामायण अलग है,रामस्वामी नायकर जी ने रामायण लिखा उनकी कहाणी अलग हैं वास्तव मे ना राम हुवॉ ना रावण हुवॉ ना रामायण हुवॉ अपने अपने कल्पणावोसे लेखकोने जिस तरह फिल्म की स्टोरी लीखी जाती ऊस तरह ये काल्पनिक कहानिया लिखि गयी.
जब मोघल साम्राज्य था तो बुद्ध विहारो को नमाज पढाने मस्जिद कहैनलगे भाषा का फरक था मोहंमद पैगंबर को मूर्ती पूजा मान्य नहीं थी बुद्ध को भी मूर्ती पूजा मान्य नहीं थी बुद्ध विहार स्तूप के गुम्बद ही मस्जिद बनाये गये और कहा गया बुद्ध ही खुदा काहैलाये गये अत्त दीप भव याने खुद को परखना स्वयंम प्रकाशित होना उसिका अर्थ खुदा है नमाज याने बुद्ध के पांचशिलका प्थन पालन की शपथ है बुद्ध के ही आचार संहिता मोहंमद पैगंबर जी ने अपणाकर अनुयायी योकॉ बताया है अस्लियत मे जो मुस्लिम राष्ट्र है उनके नियम सब बौद्ध धम्म के हैजो अंधश्रद्धा के खिलाफ है और सनातन वैदिक पद्धती अंधश्रद्धा पर आधारित है जो स्पृश्य मित्र सृनगं ने याने ब्राम्हनोका भगवान जो भारत के मूलनिवासी राजवंश का दुश्मन था परशुराम वही आज अयोध्या मे श्रीराम काहैलाया गया ये काल्पनिक भवणावोका आधार बाबरी मस्जिद के फैसले मे लिया गया वास्तव मे ये न्यायव्यवस्था के कायदेमे नहीं है कोई पुरावा नहीं है.
अयोध्या अऑर राम का बस परंपरा की जबरदस्ती है और किस्मत हस्तरेखा पे व्यवसाय करके जीनेवाले परावलंबी जीवन की मनमानी पद्धती है जिस्के दबाव मे आकर मॅजिस्ट्रेट ने ये फैसला देकर आझाद भारत के न्यायव्यवस्था को कलंकित किया है , धज्जिया उडायी है जो संविधान की तोहीन की है ये ही मनुस्मृती का कानुन है काल्पनिक अंधभक्ती के सरकारने लागू किया अओर बुद्ध विहार को तोडकर मस्जिद मानकर वाहा जबरदस्ती राममंदिर बणाया भारत को हिंदुस्थान कहैनेवाले इन बेवकुफिको मेरा सवाल है भारत मे आज तक राम के अवशेष क्यो नहीं मिलेवाहा बुद्ध के ही मुर्तिया मिली सरी बुद्ध विरस्त भारत के.जमीन के अंदर जहा खोदोगे वहा बुद्ध ही मीलते है अवॉर ये बेवकुफ पुरातत्व विभाग वाले ,टिव्ही च्यानल के बेवकुफ सचचाई छुपाकर पाहिलेही ऊस विष्णू घोषित करते तो कही राम घोषित करते और खुद्दही अपना भारत का मुळ इतिहास दबा देते आखिर ये किसके दबाव मे होता ऊसिका नतीजा हुवॉ जो आज भाजपा हिंदू धर्म संस्कृती का कार्ड नहीं चला लोकसभा चुनाव मे नागपूर रामटेक का नरेंद्र मोदी ने झा प्रचार सभा ली थी वाहा का भी राम पराजित हुवॉ आऑर अयोध्या का भी राम पराजित हुवॉ कर्नाटक मे नरेंद्र मोदी जय ब्जरंगबली हनुमान के नारे लगाकर हॉट मंगते रहे वाह पर भी नरेंद्र मोदी को बजरंग बली ने हरा दिया,बंगाल मे भी हार गया कोरोना ने ही इस बात का संकेत दिया अंधभकती के देव धर्म वास्तव सत्य नहीं है सिर्फ कलपणा अंधभाव है जो संविधान मे उसे मान्यता नहीं है.
अनिरुद्ध शेवाळे
प्रतिभावंत प्रबोधनकार कला साहित्य संघ परिवार राष्ट्रीय अध्यक्ष कवी गायक संगीतकार सिने नाट्य अभिनेता नागपूर महाराष्ट्र जय प्रबुद्ध भारत 9823368332,9146867692
संपूर्ण महाराष्ट्रातील घडामोडी व ताज्या बातम्या तसेच जॉब्स/शैक्षणिक/ चालू घडामोडीवरील वैचारिक लेख त्वरित जाणून घेण्यासाठी आमच्या व्हाट्सअँप चॅनलला Free जॉईन होण्यासाठी या लिंकला क्लीक करा

तसेच खालील वेबसाईटवर Click करा
दैनिक जागृत भारत