होली क्या है और क्यों मनाते हैं ..?

हिन्दू धर्म के त्योहारों में भारत के मूलवासियों शूद्रों (OBC, SC, ST) के महापुरुषों की हत्या और महिलाओं के साथ बलात्कार और उनकी हत्या का ब्राह्मणों और ब्राह्मणवादियों द्वारा जश्न है..
त्योहार का अर्थ है त्यों +हार =त्योंहार
त्यों का मतलब तुम्हारी और हार का मतलब है हार या पराजय
बड़े दुःख की बात है कि जिसे हम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं उनके बारे में जानते नहीं है ..
👉 : होली का त्योहार ऐसे ही जघन्य अपराध पर आधारित है
आज भी भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित जिला हरदोई है
हरदोई हरि +द्रोही शब्द से बना है अर्थात जो हरि या भगवान का बिरोधी हो अर्थात बौद्ध लोग जो ब्राह्मणों के भगवान और देवी देवताओं को न मानने वाले लोग होते हैं जो पूजा पाठ पाखंड आडंबर हवन का बिरोधी करते थे जिन्हे ही दैत्य राक्षस आदि कहा गया है जिन्हे समण भी कहा जाता था।
इसलिए उस राज्य का नाम हरिद्रोही था जो कि धीरे धीरे हरदोई पड़ गया है ..
हरदोई में समण (बौद्ध) सम्राट हिरणाक्ष और हिरणकश्यप दो भाई राज कर रहे थे जो कि बहुत ही महावीर और पराक्रमी थे बिदेशी ब्राह्मणों ने भारत के मूलनिवासी राजाओं पर आक्रमण करके उनके राज पर कब्जा करने की कोशिश करते रहे लेकिन आमने सामने की लड़ाई में नहीं जीत सके ब्राह्मणों ने हमेशा से ही छलकपट की राजनीति अपनाकर मूलवासियों को हराया था ,,
✨ : ब्राह्मणों ने हिरणाक्ष के बारे में जो कहानी बनाकर लोगों को गुमराह किया है कि हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को ही चुराकर पाताल लोक में छुपा दिया था तब विष्णु ने वाराह (सुअर) का अवतार लेकर पाताल लोक में जाकर हिरणाक्ष की हत्या किया और पृथ्वी को मुक्त कराया यह एक मनगढ़ंत कहानी है समुद्र भी पृथ्वी पर ही होता है तो पृथ्वी को समुद्र में कैसे छिपाया जा सकता है, ब्राह्मणों ने लोगों को कितना मूर्ख बनाया है वास्तव में ब्राह्मणों ने हिरणाक्ष से आमने सामने की लड़ाई में नहीं जीत सके तो सुअर चराने के बहाने से सुअरों के बीच में छिप करके मौका पाकर हिरण्याक्ष पर पीछे से हमला करके हत्या किया था ..
उसके बाद ब्राह्मणों हिरणाक्ष के छोटे भाई हिरण्यकशयप से आमने-सामने की लड़ाई लड़ी लेकिन नहीं जीत पाये तो उसकी पत्नी को कयादू को ब्राह्मण विष्णु ने अपने प्रेम में जाल में फंसाया और उसके द्वारा प्रह्लाद नामक एक पुत्र पैदा हुआ जिसे ब्राह्मण विष्णु ने अपने जाल में फंसाकर नशेड़ी बना दिया था और प्रह्लाद ब्राह्मण पुत्रों के साथ रहने लगा जिसके कारण पिता हिरणकशयप और प्रह्लाद में मतभेद चल रहा था प्रह्लाद भक्त अर्थात मानसिक गुलाम बन गया था भक्त का मतलब मानसिक गुलाम होता है ..
✨ : हिरणकशयप की बहन होलिका थी जो कि बहुत ही साहसी और वीर थी और सुन्दर थी एक रात जब होलिका अपने भतीजे प्रह्लाद को ढूंढने गई थी तो प्रह्लाद ब्राह्मणों के बीच में नशे में धुत था ब्राह्मणों ने होलिका को देखा तो उनकी नीयत खराब हो गई और कई ब्राह्मण पुत्रों ने मिलकर होलिका के साथ बलात्कार किया चूंकि प्रहलाद नशे में दुत था उसको होश नहीं था इसलिए ब्राह्मणों ने होलिका के साथ सामूहिक बलात्कार किया जिससे होलिका बेहोश हो गई और भेद न खुल जाये इसलिए आस पास से ही खर पतवार लकड़ी आदि इकट्ठा करके उसी स्थान पर जिंदा जला दिया,,होश आने पर होलिका चिल्लाती तड़पती रही लेकिन दुष्ट दुराचारी नीच दुष्कर्मी ब्राह्मण पुत्रों को दया नहीं आई और आस पास के लड़के को साथ लेकर लडकियां लाकर उसे जिंदा जला दिया ..
👉 : राजा हिरणकशयप ने जब होलिका की तलाश शुरू
किया और प्रह्लाद से कडी पूछताछ किया गया तो उसने
सच्चाई बता दिया इस तरह से सभी बलात्कारियों माथे
पर अबीर अर्थात कायर लिखवा वीर का मतलब होता
है योद्धा और अ+वीर का मतलब है कायर इस प्रकार से
बलात्कारियों के माथे अवीर लिखवाया गया और मुंह पर
कालिख पोती गई और गधों पर बैठाकर पूरे राज में
घुमाया गया बलात्कारी जहां भी जाते लोग उनपर गोबर
कीचड डालते और अपमानित करते वही आज रंग लगाने
का परिवर्तित रूप है ..!
👉 : होली के दिन लोग नशा करते हैं शराब पीते हैं और रंग
लगाने के बहाने महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़
करते हैं ..
इस तरह से होली अश्लीलता फैलाने और महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या का प्रतीक है …
इसलिए ही दुनिया के सबसे बड़े शिक्षित और विद्वान जिन्हें सिंबल आफ नालेज की उपाधि दिया गया है बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर ने हिन्दू धर्म को लात मार कर बुद्ध धम्म अपनाया है और देश को जातिवाद अंधविश्वास पाखंड से बाहर निकलने के लिए 22 प्रतीज्ञाएं दी है ..,
आज जरूरत है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की 22 प्रतीज्ञाओ सहित बुद्ध धम्म अपनानें की ..|
जय भीम जय मूलनिवासी नमो बुद्धाय जय स्वाभिमान जय संविधान जय भारत
भैरूलाल नामा बालोतरा
फूले शाहू अम्बेडकर विचारक
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दैनिक जागृत भारत