हमारी लड़ाई किससे है ?

हो सकता है आप किसी राजनीतिक दल से जुड़ कर या किसी सामाजिक संगठन से जुड़कर या केवल बहुजन नायकों द्वारा लिखित पुस्तकों को पढ़कर या उनके जीवन संघर्ष को जानकर या सोशल मीडिया से जुड़ कर बहुजन मूवमेंट या अम्बेडकरवादी मिशन का हिस्सा बन गये हैं
तो एक बात आप को समझना बहुत जरुरी है आप को ही क्यों प्रत्येक मूलनिवासी बहुजन समाज के व्यक्ति को जानना जरूरी है कि भारत में हमारी लड़ाई किससे और किसके बीच है ?
1- भारत में लड़ाई सिंधूघाटी सभ्यता बनाम वैदिक सभ्यता इन दो सभ्यताओं के बीच है।
सिंधुघाटी सभ्यता जिसके खुदाई में जगह जगह अवशेष मिले हैं और लगातार मिलते ही जा रहे हैं।
जबकि वैदिक सभ्यता जिसका धरातल पर कहीं भी कोई आधार नहीं है अर्थात इसके मौजूद होने के कहीं भी कोई प्रमाण नहीं मिले हैं पूर्णतया काल्पनिक साबित हो गई है।
2- भारत में लड़ाई बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान बनाम मनु द्वारा लिखित मनुस्मृति नामक विधान के बीच है।
कारण कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान समता स्वतंत्रता एवं बंधुता पर आधारित है जबकि मनु का विधान असमानता गुलामी एवं शत्रुता पर आधारित है।
3- भारत में लड़ाई जाति विहीन एवं वर्ग विहीन समाज बनाने की विचारधारा बनाम बहुजन समाज को 6743 जातियों में बांटने वाली विचारधारा के बीच है।
4- भारत में लड़ाई ज्ञान विज्ञान के द्वारा बुद्धिमान विद्वान एवं महान बनाने की विचारधारा बनाम अंधविश्वास, पाखंडवाद एवं काल्पनिक मान्यताओं के द्वारा मूर्ख बनाये रखने वाली सोच के बीच है।
5-भारत में लड़ाई मूलनिवासी बहुजनों को भी समान जीवन जीने की सोच बनाम केवल विदेशी आर्यों को ऊंचा साबित करने वाली सोच के बीच है।
6- भारत में लड़ाई मूलनिवासी बहुजन उद्धारकर्ताओं को महापुरुष मानकर उन्हें सम्मान दिलाने की बनाम विदेशी आर्यों के सेनापतियों को देवता एवं ईश्वर बनाने व बहुजन महापुरुषों को दैत्य और राक्षस बनाकर अपमानित करने वाली विचारधारा के बीच है।
7- भारत में लड़ाई मूलनिवासियों को गुलाम बनाये रखने बनाम विदेशी आर्यों को सदैव सत्तारूढ़ रखने वाली विचारधारा के बीच है।
8-भारत में लड़ाई गांधी द्वारा हरिजन बनाने वाली विचारधारा बनाम बाबा साहेब की बहुजन बनाने वाली विचारधारा के बीच है।
9-भारत में लड़ाई सबको शिक्षा और सबको दीक्षा वाली विचारधारा बनाम केवल सवर्णों को ही शिक्षा व दीक्षा देने वाली विचारधारा के बीच है।
10- भारत में लड़ाई सच्चाई को उजागर करने वाली विचारधारा बनाम सच्चाई को दबाकर रखने वाली विचारधारा के बीच है।
11- भारत में लड़ाई मूलनिवासियों द्वारा अपने अधिकार पाने की बनाम विदेशी आर्यों द्वारा अधिकार से वंचित रखने वाली व्यवस्था के बीच है।
12-भारत में लड़ाई बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान को पूर्णतया लागू करने बनाम बाबा साहेब के संविधान को कमजोर करने व जला देने वाली सोच के बीच है।
13- भारत में लड़ाई हमारे देश को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बनाये रखने बनाम भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने वाली विचारधारा के बीच है।
14- भारत में लड़ाई मान सम्मान एवं स्वाभिमान से जीवन जीने की बनाम पग पग पर जातीय भेदभाव द्वारा अपमान करने वाली विचारधारा के बीच है।
15- भारत में लड़ाई स्कूल कॉलेज पुस्तकालय इत्यादि खोलने वाली सोच की बनाम आश्रम मंदिर अथवा गली गली मदिरालय खोलने वाली सोच के बीच है।
16- भारत में लड़ाई निष्पक्ष चुनाव द्वारा जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी दिलाने के लिए बहुजन समाज की सरकार बनाने बनाम EVM से धांधली करके 15 प्रतिशत विदेशी आर्यो को सदैव सत्तारूढ़ बनाये रखने की सोच के बीच है।
17- भारत में लड़ाई सरकारी संस्थाओं को मजबूत कर सरकारी नौकरी बढ़ाने बनाम सरकारी संस्थाओं को कमजोर कर सरकारी नौकरी खत्म करने वाली षड्यंत्रकारी सोच के बीच है।
18- भारत में लड़ाई सभी को आत्मनिर्भर बनाने की बनाम केवल 15 प्रतिशत को ही आत्मनिर्भर बनाने बाकी सभी बहुजनों को पहले की तरह गुलाम बनाने वाली सोच के बीच है।
19- भारत में लड़ाई सभी को समान अधिकार सुनिश्चित करने बनाम जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत चरितार्थ करने के बीच है।
20- भारत में लड़ाई सभी को अपने विचार रखने व प्रत्येक व्यक्ति को न्याय पाने बनाम रोहित वेमुला जैसे क्रांतिकारियों की संस्थानिक हत्या करवा देने व हाथरस की मनीषा के शव को पेट्रोल डालकर रात अढ़ाई बजे पुलिस के माध्यम से जलाकर सरकार द्वारा अपराधियों को बचाने की सोच के बीच है।
22- भारत में लड़ाई प्रमाणित तथ्यों के आधार पर इतिहास लिखने बनाम काल्पनिक कथाओं एवं प्राचीन मान्यताओं को आधार बनाकर इतिहास लिखा जाने की सोच के बीच है।
पूरे पोस्ट का सारांश यह है कि भारत में लड़ाई
सत्य बनाम असत्य के बीच है।
न्याय बनाम अन्याय के बीच है।
प्रकाश बनाम अंधकार के बीच है।
ज्ञान बनाम अज्ञान के बीच है।
बुद्धिमान बनाम बुद्धिहीन के बीच है।
प्राकृतिक आधार बनाम काल्पनिक दुष्प्रचार के बीच है।
ईमानदारी बनाम बेइमानी के बीच है।
भोलेभाले शरीफ व कमेरे लोगों बनाम शातिर,बदमाश व लूटेरे लोगों के बीच है।
मूलनिवासी बनाम विदेशी के बीच है।
✍️ -आरती मौर्या
संपूर्ण महाराष्ट्रातील घडामोडी व ताज्या बातम्या तसेच जॉब्स/शैक्षणिक/ चालू घडामोडीवरील वैचारिक लेख त्वरित जाणून घेण्यासाठी आमच्या व्हाट्सअँप चॅनलला Free जॉईन होण्यासाठी या लिंकला क्लीक करा

तसेच खालील वेबसाईटवर Click करा
दैनिक जागृत भारत