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आदर्श विवाह संस्कार – बुद्ध धम्म के अनुसार वधू वर की पांच प्रतीज्ञाएं..!

मै, भारतीय संविधान में पूर्ण विश्वास रखते हुए भगवान तथागत गौतमबुद्ध और बोधिसत्व सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर पांच प्रतीज्ञाएं लेता हूँ और वचन देता हूँ कि जीवनभर मन वचन और कर्म से सत्यनिष्ठा के साथ उनका पालन करता रहूंगा।

1-मै, अपनी जीवन संगनी का सदा सम्मान करने की प्रतीज्ञा ग्रहण करता हूँ।

2-मै, कभी भी अपनी जीवन संगनी का अपमान नहीं करूंगा और न ही किसी अन्य से अपमानित होने दूंगा।

3-मै, शराब, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, चरस, अफीम, जुआ आदि किसी भी प्रकार का नशा नहीं करूंगा और पर स्त्री पर बुरी नजर नहीं रखकर अपनी जीवन संगनी का विश्वासपात्र बनूँगा।

4-मै, बुद्ध धम्म के अनुसार आचरण करते हुए अपने माता- पिता का उचित ध्यान रखूंगा और सम्यक आजीविका के अनुसार उपार्जित धन दौलत से अपनी जीवन संगनी को सदैव संतुष्ट रखने की कोशिश करूंगा।

5-मै, अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपनी जीवन संगनी को वस्त्र आभूषण आदि से संतुष्ट रखने की कोशिश करूंगा।
???? मै दूसरी और तीसरी बार भी ये प्रतीज्ञाएं दोहराता हूँ और ये वचन देता हूँ कि जीवनभर सत्यनिष्ठा के साथ पालन करूंगा।
मै – आज से उपासिका…………….. को अपनी जीवनसाथी स्वीकार करता हूँ।
मै, पुनः भगवान बुद्ध और बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर वचन देता हूं कि मैने जो प्रतीज्ञाएं ग्रहण की है उनका जीवनभर पालन करूंगा।

साधु…… साधु……. साधु

बुद्ध धम्म के अनुसार विवाह
वधू की पांच प्रतीज्ञाएं

मै, भारतीय संविधान में पूर्ण विश्वास रखते हुए भगवान तथागत गौतमबुद्ध और बोधिसत्व सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर पांच प्रतीज्ञाएं लेती हूँ और वचन देती हूँ कि जीवनभर मन वचन और कर्म से सत्यनिष्ठा के साथ उनका पालन करती रहूंगी ।

1-मै, अपने जीवनसाथी का सदा सम्मान करने की प्रतीज्ञा ग्रहण करती हूँ।
और अपने घर के सभी कार्यों और जिम्मेदारियों को भली प्रकार से करने की कोशिश करूंगी।

2-मै, कभी भी अपनी जीवनसाथी का अपमान नहीं करूंगी और न ही किसी अन्य से अपमानित होने दूंगी
और अपने सास ससुर को अपने माता-पिता के समान ही सम्मान दूंगी और अपने मधुर व्यवहार से सभी को संतुष्ट रखने की कोशिश करूंगी।

3-मै, शराब, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, चरस, अफीम, जुआ आदि किसी भी प्रकार का नशा नहीं करूंगी और पर पुरूष पर बुरी नजर नहीं रखकर अपनी जीवनसाथी का विश्वासपात्र बनूँगी ।

4-मै, बुद्ध धम्म के अनुसार आचरण करते हुए अपने माता- पिता और सास ससुर का उचित ध्यान रखूंगी और सम्यक आजीविका के अनुसार उपार्जित धन दौलत से अपनी जीवनसाथी को सदैव संतुष्ट रखने की कोशिश करूंगी।

5-मै, सुख हो या दुख हो हर हाल में अपने जीवनसाथी के साथ रहूंगी और अंतिस सांस तक अपने घर परिवार की देखभाल करूंगी और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी जरूर निभाऊंगी।

???? मै दूसरी और तीसरी बार भी ये प्रतीज्ञाएं दोहराती हूँ और ये वचन देती हूँ कि जीवनभर सत्यनिष्ठा के साथ पालन करूंगी
मै – आज से उपासक …………… को अपनी जीवनसाथी स्वीकार करती हूँ।
मै, पुनः भगवान बुद्ध और बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उपस्थित समाज को साक्षी मानकर वचन देती हूं कि मैने जो प्रतीज्ञाएं ग्रहण की है उनका जीवनभर पालन करूंगी

साधु…… साधु……. साधु

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