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मोदीजी के संसद में दिए अनर्गल भाषण का कांग्रेस नेता श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत द्वारा जबरदस्त पोस्टमार्टम…

मोदी जी आप देश के प्रधानमंत्री हैं, कब तक एक छुटभैया नेता की तरह संसद में चुटकी लेकर अपनी चरणचुंबक मंडली से ताली बजवाते रहिएगा? राष्ट्रपति के अभिवादन पर आपका वक्तव्य स्तरहीन और हमेशा की तरह मर्यादा विहीन था.

मणिपुर से लेकर लद्दाख तक सड़कों पर उतरे इस देश के लोगों से आप भयभीत हैं. हमारी न्याय यात्रा और संकल्प से आप बौखलाए हुए हैं. आज आप एक डरे, हताश, थके हुए तानाशाह से ज़्यादा और कुछ नज़र नहीं आये

110 मिनट के अपने वक्तव्य में 78 मिनट कांग्रेस को कोसना आपके डर का साक्षी है, घबराइए नहीं, आप हमारे ख़िलाफ़ दुष्प्रचार करते रहिए हम लोगों की लड़ाई और मुस्तैदी से लड़ते रहेंगे

यहाँ आपके बोली हुई कुछ झूठी बातों का सच सामने रख रही हूँ:

1) ‘मोदी की गारंटी है’

कितनी बार इस खोखले दावे को बोलियेगा? गारंटी तो 15 लाख हर अकाउंट में, सालाना 2 करोड़ रोज़गार की थी. यहाँ तो आपने आटे, दही, पढ़ाई, दवाई सब पर टैक्स लगाया मोदी की गारंटी नहीं, मोदी के जुमले हैं!

2) ‘लोकतंत्र में मेरा विश्वास है’

‘चंडीगढ़ में जो कुछ हुआ, वह लोकतंत्र का मजाक है. हम स्तब्ध हैं। हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। मतपत्रों को विकृत करने वाले अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’- सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करके आपकी और आपकी पार्टी की लोकतंत्र के प्रति समर्पण का पर्दाफ़ाश कर दिया है

3) ‘विकसित भारत की झांकी’

कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण में बजट काट कर भारत विकसित होगा – यह कुकृत्य आपने इस बार के बजट में भी किया. 74.1% मतलब 100 करोड़ से ज़्यादा लोगों को एक वक़्त का पौष्टिक भोजन नसीब नहीं है?

4) ‘हम पाँचवीं बड़ी इकॉनमी बन गये’

आपके सारे ज़बानी जमा खर्च के बावजूद असलियत यह है कि आपके शासन काल में क्रय शक्ति के आधार पर प्रति व्यक्ति GDP में सालाना वृद्धि दर मात्र 4.3% रहा है जो कि डॉ मनमोहन सिंह जी की सरकार के समय 6.2% था. 15.4 करोड़ लोग मनरेगा में रजिस्टर हुए क्योंकि शहर और गाँव में रोज़गार की हालत ख़स्ताहाल है.

5) ‘25 करोड़ लोगों को ग़रीबी से उबारा’

झूठ बोलना बंद कर दीजिए. आपके इस जुमले में 4 बड़ी समस्याएँ हैं a) अगर ग़रीबों की संख्या घट गई है तो उपभोग मतलब consumption क्यों गिर कर मात्र 4.4% पर आ पहुँचा है? b) अगर ग़रीबी 11.7% तक गिर चुकी है मतलब लगभग सिर्फ़ 15 करोड़ लोग ही गरीब हैं तो सरकार 80 करोड़ को मुफ़्त राशन देने के लिए मजबूर क्यों है? c) NITI आयोग के इस दावे का समर्थन किसी भी थर्ड पार्टी ने क्यों नहीं किया – आख़िर वर्ल्ड बैंक, IMF किसी ने तो यह बात मानी होती d) NITI आयोग ने ग़रीबी नापने के स्थापित मानक हैं उनको बदलकर ऐसे मानकों को क्यों चुना जो सरकार की flagship योजनाओं पर आधारित हैं?

अगर 25 करोड़ लोग ग़रीबी से उबारे गये हैं तो वो आख़िर दैनिक दिनचर्या की चीज़ें जैसे साबुन, बिस्कुट, तेल, मंजन क्यों नहीं ख़रीद रहे? क्यों लगातार हम भुखमरी के इंडेक्स में गिरते जा रहे हैं? क्यों 50,000 लोगों ने अपने बच्चों का सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ से दाख़िला वापस ले लिया है?

6) ‘हमारा कृषि बजट 1.25 लाख करोड़ है’

किसान से ज़्यादा किसी के साथ छल नहीं किया आपने. कृषि बजट 5 साल में निरंतर गिरा है. वित्तीय वर्ष 20 में कृषि का बजट GDP का 5.44% था जो अब घट कर 3% से कम पर आ गिरा है. किसान की आय दोगुना करना तो दूर की बात है, किसान तो सिर्फ़ ₹27 प्रतिदिन कमा रहा है, और आपकी सरकार ने तो पिछले 5 वर्ष में 1 लाख करोड़ से ज़्यादा कृषि कंबूद्वेत खर्च ही नहीं किया और राजस्व को वापस कर दिया!

7) ‘गाँव गाँव ने विकसित भारत यात्रा देखी’

हाँ सच है, सरकारी खर्चे पर खूब चाय समोसा खिलाया गया. आपके चरणवंदन के लिए बनी फ़र्ज़ीवाडे का वीडियो खूब दिखाया गया. लेकिन मोदी जी ग्रामीण अर्थव्यवस्था ठप्प है, आप ही की सरकार के आँकड़ें दिखाते हैं कि उपभोग और आय दोनों निरंतर गिरता जा रहा है. लोग साबुन, तेल, मंजन ख़रीदने में असमर्थ हैं, ट्रेक्टर से लेकर मोटरसाइकिल की बिक्री ठप्प हैं – यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मानक हैं

8) ‘अब महंगाई नियंत्रण में है’

अरे प्रभु आटा, दही, कलम, किताब, दवाई, अस्पताल सब पर GST आपने लगाया. ₹71 के पेट्रोल को ₹100 पार आपने कराया, ₹400 के सिलेंडर को ₹1000 पार आपने कराया, ₹90 पर बिकने वाले तेल को ₹220 के पार आपने कराया, ₹74 की अरहर दाल को ₹150 पार आपने कराया. नियंत्रण में महंगाई नहीं मीडिया है जो आपको महंगाई पर आईना नहीं दिखा रहा

9) ‘भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ एक्शन लिया जा रहा है’

कब तक यही झुनझुना बजाइयेगा? ED जैसी एजेंसियों को अपना फ्रंटल बना कर छुट्टा छोड़ देने का काम आपने किया क्योंकि अब वह एजेंसी नहीं, राजनीतिक प्रतिशोध की एजेंट बन चुकी है. और जो आपका दामन थाम ले, उनको अपनी वाशिंग मशीन में गोता लगवा कर उनके ख़िलाफ़ केस क्यों बंद कर दिये जाते हैं? क्यों 95% केस सिर्फ़ और एसएईएफ़ विपक्ष के ख़िलाफ़ हैं? 10 साल से सत्ता में हैं, एक केस में कन्विक्शन नहीं हुआ है!

ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहूल चौकी, संडेसारा, विजय माल्या जैसों को आपने भगाया, उन्हें वापस कब लाइयेगा? अडानी और paytm जैसों के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप है, कब जाँच होगी? भ्रष्टाचार पर आपके शब्द खोखले और थोथा चना बाजे घना से ज़्यादा कुछ नहीं

10) ‘भारत दुनिया की अग्रणी डिजिटल इकॉनमी है’

लगे हाथ paytm में हुए घोटाले और मनी लाउंड्रिग पर भी बोलते जाइए जिसने डिजिटल पेमेंट की दुनिया को हिला कर रख दिया है. आपकी कृपा के चलते वो क़ानून की धज्जियाँ उड़ाते रहे

11) ‘नारी शक्ति सामर्थ्य की गूंज’

हमारी पहलवान बेटियाँ आपको नमस्कार कह रही हैं, बृजभूषण सिंह तो आपके बग़ल में ही होंगे? कुलदीप सेंगर और रामदुलार गोंड जैसों से भयभीत हैं देश की नारी. IIT BHU में आपकी पार्टी के दरिंदों ने जिन बेटियों के साथ जघन्य अपराध किया है वो सामर्थ्य की गूंज नहीं न्याय की गुहार लगा रही हैं. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ बोलते हुए आपको ढोंग नहीं लगता?

12) ‘370 ख़त्म होते देखा’

मक़सद तो कश्मीर में शांति लाना था, आख़िर क्यों फिर कश्मीरी पंडितों को चुन चुन कर मारा जा रहा है? और लगे हाथ यह बताते जाइये कि अगस्त 2019 से दिसंबर 2023 तक कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ों में 163 जाँबाज़ों से ज़्यादा सुरक्षाबल और सेना के जाँबाज़ों की आतंकवाद से लड़ते हुए शहादत पर आप मौन क्यों रहते हैं? यह आपकी विफलता है

13) ‘भारत की सेना के पराक्रम पर गर्व है’

आपने सेना और उनके शौर्य का अपमान किया है. अग्निवीर जैसी योजना का कर आपने सेना के पराक्रम का मखौल उड़ाया है. सेना के शीर्ष अधिकारियों ने खुलासा करके बताया है कि कैसे यह योजना सैन्यबलों पर थोपी गयीं

अगस्त 2019 से दिसंबर 2023 तक कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ों में 163 जाँबाज़ों की शहादत पर आपकी चुप्पी उनका अपमान है, ना संवेदना, ना श्रद्धांजलि – किस मुँह से आप सेना की बात करते हैं?

14) ‘मैं OBC हूँ, दिखता नहीं?’

अभी कुछ दिनों पहले तक तो प्रधानमंत्री कह रहे थे कोई जाति ही नहीं है सिवाय अमीर और गरीब के, मगर आज खुद को ‘सबसे बड़ा OBC’ बता डाला. हमारी जातिगत जनगणना की माँग से आपकी सिट्टीपिट्टी गुम है, लेकिन गिनती तो करनी होगी

15) ‘कर्पूरी ठाकुर के साथ कांग्रेस ने ग़लत किया’

नहीं नहीं मोदी जी, इतिहास का इतना दम भी मत तोड़िये. कर्पूरी ठाकुर जी ने जब 70 के दशक में बिहार में पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया तब उनको मुख्यमंत्री पद से हटाने का कुकृत्य जनसंघ (वर्तमान BJP) ने ही किया था. कर्पूरी ठाकुर जी ने जनता पार्टी सरकार का नेतृत्व किया, जो दो राजनीतिक समूहों का मेल थी – BJP का पुराना अवतार जनसंघ और राम मनोहर लोहिया एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी सोच से जुड़ा लोकदल. कर्पूरी जी द्वारा पिछड़े वर्ग को 33% आरक्षण देने के फैसले से ‘उच्च’ जातियों में अशांति फैल गई और फिर जनता पार्टी समूह के नेता कैलाशपति मिश्रा ने अप्रैल 1979 में कर्पूरी सरकार से अपने समूह को अलग किया जिसके बाद जनसंघ समूह ने राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बनाया.

रह रह कर आरक्षण समाप्त करने की बात करने वाली BJP, मंडल रिपोर्ट पर विश्वनाथ प्रताप सिंह से समर्थन वापस लेने वाली BJP, पिछड़ों की गिनती करने से किनारा काटने वाली BJP वास्तव में शोषित दलित वंचित पिछड़ों का दमन ही करती है.

16) ‘विपक्ष ने भानुमति का कुनबा जोड़ा’

अरे 38 दलों के साथ भानुमति का कुनबा तो आपने जोड़ा है, 22 तो ऐसे दल हैं जिनका एक भी सांसद नहीं है – कुछ ने तो कभी चुनाव ही नहीं लड़ा. क्या हुआ एक अकेला सब पर भारी के फ़र्ज़ी दावे का?

17) ‘हाउस नहीं चलने देता है विपक्ष’

हाउस चलाने की ज़िम्मेदारी आपकी है. मणिपुर से लेकर अडानी महाघोटाले, पेगसस से लेकर महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आप भागे भागे फिरते रहे. सदन आपने और आपकी पार्टी ने नहीं चलने दी, तो यह फ़र्ज़ी विलाप बंद कर दीजिए. 8 महीने से जलते हुए मणिपुर पर आपको बुलवाने के लिये हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा

18) ‘इंदिरा गांधी ने कहा देश में पराजय भावना है’

इंदिरा जी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करके विश्व का भूगोल बदल दिया. आपकी तरह चीन का नाम लेने में मिमियाई नहीं, घबराई नहीं. काश उनके साहस का एक अंश आपके अंदर होता – तो आप बिना पलक झपकाए ‘कोई घुसा हुआ नहीं है’ कह कर चीन को क्लीन चिट नहीं देतेअमरीका और अन्य देशों के लाख विरोध के बावजूद

और आप की तरह उन्होंने अपने मित्रों के 14.5 लाख करोड़ लोन नहीं माफ़ किए बल्कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके चंद पूँजीपतियों के आधिपत्य को ख़त्म कर दिया

19) ‘नेहरू ने देश को आलसी कहा’

प्रधानमंत्री जी देश को आलसी पंडित नेहरू ने नहीं जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बनाया है. आपकी जानकारी के लिये जब संविधान सभा की बैठकें शुरू हुईं और क्रिसमस की छुट्टी आई तो नेहरू जी ने कहा छुट्टी कैंसिल कर देनी चाहिए, जिससे कि संविधान का काम आगे बढ़ाया जा सके. सरदार पटेल ने भी समझाया, लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अवकाश की ज़िद्द की और संविधान का काम करने से इनकार किया. जो आलसी होते हैं वही छुट्टी के लिये मचलते हैं, यह आलस होता है. संघ की कहावत तो याद ही है आपको – संघियों के तीन काम भोजन, बैठक और विश्राम। ज़्यादा जानकारी के लिए संविधान सभा की कार्यवाही रिपोर्ट पढ़िए

20) ‘कांग्रेस कुछ नहीं कर पाई’

इस देश के संविधान से ले कर संस्थाएँ सब कांग्रेस की दूरदर्शिता की देन हैं. चुनाव आयोग, ISRO, Indian Institute of Science, IITs, AIIMS, IIMs, Indian Scool of Mines, National Institute of Design, BARC, Atomic Energy Department, National Chemical Lab, Physics Research Lab, National Metallurgical Lab, Central Glass and Ceramics Research Institute, BHEL, BEL, HMT, LIC, ONGC, IOC, Green Revolution, White Revolution, Telecom & IT Revolution, MGNREGA, Food Security Act, Right to Education, Right to Information — और अब आपकी सत्ता से विदाई के बाद न्याय होगा – युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, भागीदारी न्याय. आपने 10 साल में चरणचुंबक और whatsapp के लीचड़ ट्रोल बनाये!

21) ‘राम अपने घर लौटे’

करोड़ों के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को घर देने वाले आप हैं कौन? सृष्टि के रचयिता भगवान को तस्वीरों में अपने से छोटा दिखाना, और फिर यह घमंड करना कि आप उन्हें वापस लाये हैं, यह घमंड नहीं पाप है. भगवान राम कण कण में बसते हैं, हमारी आस्था में, हमारे आचरण में, न्याय में, नैतिकता में, सत्य में, प्रेम में – वो गये ही कहाँ थे जो लौट आये हैं? आपके अभिमान ने तो प्रभु राम को भी नहीं बख्शा

बहरहाल आज आपकी बातें सुनकर आप पर तरस आया.

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