महाराष्ट्रमुख्यपानसामाजिक / सांस्कृतिक

अंधश्रध्दा निर्मुलन..

यह हमेशा ध्यान रखे

1) निम्बू-मिर्च खाने के लिये है.. कही टाँगने के लिए नहीं है।

2) बिल्लियाँ जंगली या पालतू जानवर है, बिल्ली के रास्ता काटने से कुछ गलत नहीं होता.. बल्कि चूहों से होनेवाले नुक्सान को बचाया जा सकता है।
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3) छींकना एक नैसर्गिक क्रिया है, छींकने से कुछ अनहोनी नहीं होती ना हि किसी काम में बाधा आती है। छींकने से शरीर की सोई हुई मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है।

4) भूत पेड़ों पर नहीं रहते, पेड़ों पर पक्षी रहते है।

5) चमत्कार जैसी कोई चीज नहीं होती। हर घटना के पीछे वैज्ञानिक कारण होता है।

6) तांत्रिक , बाबा , कर्मकांडी जैसे लोग झुठे होते है, जिन्हें शारारिक मेहनत नहीं करनी ; ये वही लोग है।

7) जादू टोना, या किसी ने कराया ऐसा कुछ नहीं होता, ये दुर्बल लोगों के मानसिक विकार है।
जादू-टोना करके आपके ग्रहो की दिशा बदलने वाले बाबा, हवा और मेघों की दिशा बदलकर बारिश नहीं ला सकते क्या? सीमाओं पर हमारे जवानों को शहीद होने से बचा नहीं सकते है क्या ?

8 ) वास्तुशास्त्र भ्रामक है। सिर्फ दिशाओ का डर दिखाकर लूटने का तरीक़ा है।
वास्तविक तो पृथ्वी ही खुद हर क्षण अपनी दिशा बदलती है। अगर कुबेर जी उत्तर दिशा में है तो एक ही स्थान या दिशा में अमीर और गरीब दोनों क्यों पाये जाते है?

9) मन्नत के लिये बलि, टिप या चढ़ावे से भगवान प्रसन्न होकर फल देते है, तो क्या भगवान् रिश्वतखोर है?
आध्यात्म मोक्ष के लिए है, धन कमाने के लिए नहीं।

नोट — यह मेसैज 15 दूसरे ग्रूप्स में भेजने से कोई खुशखबरी नहीं मिलेगी और इसको डिलीट करने पर कोई अनहोनी भी नहीं होगी।
परंतु इसे Farword करने से आपके कई मित्र मेहनत और कर्म का महत्त्व जरूर जान सकेंगे।

कर्मयोगी बनो, मन का डर भगाओ.

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दैनिक जागृत भारत

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