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जातिगत जनगणना से ध्यान भटकाने के लिए “वक्फ संशोधन बिल”

जातिगत जनगणना से ध्यान भटकाने के लिए “वक्फ संशोधन बिल” लाया गया है ताकि मुस्लिम समाज क्रिया करें और उसकी प्रतिक्रिया में सारे समाज को हिंदुत्व के नाम पर एकजुट कर मूर्ख बनाया जाए। मंडल आयोग के समय भी यही सब कुछ किया गया था जब एक स्थानीय स्तर मंदिर मस्जिद के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया था। और ओबीसी को उसके अधिकार से वंचित किया गया था। आज फिर मनुवादी यही षड्यंत्र रच रहे हैं । जातिगत जनगणना हो तो भारत की १४० करोड जनता को मालुम पड़ेगा कि हमारा हक्क कौन मार रहा है और कौन हमको हिंदु-मुस्लिम व भारत-पाकिस्तान में गुमराह करके सरकार बनाकर भी हमारे हक्क की रक्षा नजर अंदाज करता है ।

उसके बावजूद भी कहता है कि सबका साथ सबका विकास किंतु यहां तो सबके मत व ब्राह्मणवादियों का ही विकास हो रहा है और शेष को राशन पानी भी नहीं मिलता क्यों कि २०१४ के बाद भ्रष्टाचार की पर्तों पर पर्तें जानबूझकर बिछाई गईं हैं । और अब तो समुचे गुजरात में राजकोट व बड़ोदरा शहर सहित अन्य शहरों, तालुका व गॉंवों में बारिश के जलभराव का हेतु मालुम पड गया है कि पथ-सेतु-डेम-केनल आदि के भ्रष्टाचार की जड़ें अब किस सरकार ने कितनी हद का उल्लंघन किया है ? जातिगत जनगणना हो जाने से यह सभी मालुम हो जायेगा कि कौन-कितने भारतीय डीएनएवाला अपराधी, करदाता व ऋण लेकर रफु चक्कर भी हुये हैं !

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दैनिक जागृत भारत

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