महाराष्ट्रमुख्यपानविचारपीठसामाजिक / सांस्कृतिक

बुद्धिमान और बुध्दिहीन में अंतर.


बुद्धिमान किताबों की पूजा( अध्ययन) करते हैं,और बुध्दिहीन पत्थरों की पूजा करते हैं..!

बुध्दिमान लोग अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं,और बुध्दिहीन लोग अपने बच्चे को मंदिर भेजते हैं.!

बुद्धिमान लोग संविधान और विज्ञान पढ़ते हैं और बुध्दिहीन रामायण,गीता पढ़ते हैं.!

बुद्धिमान लोग अपना हक सरकार से मांगते हैं
और बुध्दिहीन लोग भगवान से मांगते हैं.!!

बुद्धिमान लोग बिमार होने पर डाक्टर के पास
जाते हैं और बुध्दिहीन लोग तंत्र मंत्र बाबाओ और
ढो़गिओ के पास जाते हैं..!!

बुद्धिमान लोग अपने बच्चे को महापुरुषों का इतिहास सुनाते हैं और बुध्दिहीन लोग अपने बच्चे को नकली देवी,देवताओ की कहानियां सुनाते हैं.!!

बुद्धिमान लोग अपने बच्चे का नाम खुद रखते हैं और बुध्दिहीन लोग अपने बच्चे का नाम ब्राह्मण से रखवाते हैं.!!

बुद्धिमान लोग अपने घर के मंगल कार्यो में किसी ब्राह्मण को नही बुलाते हैं और बुध्दिहीन लोग अपने घर के सभी मंगल कार्यों को ब्राह्मण से करवाते हैं.!!

बुद्धिमान लोग थोड़ी सी मुसीबत आने पर संविधान की मदद लेते हैं और बुध्दिहीन लोग इन ब्राह्मणो की खुशामद करते हैं.!!

बुद्धिमान लोग अपने समाज को संगठित करते हैं और बुध्दिहीन लोग समाज में बिखराव पैदा करते हैं.!!

बुद्धिमान लोग अपने समाज के प्रति समर्पित होते हैं और बुध्दिहीन लोग दूसरे के समाज के लोगों के तलवे चाटते हैं.!!

बुद्धिमान लोग महापुरुषों अम्बेडकर जी ,ललई यादव,पेरियार,गाडगे, माता सावित्री फुले, आदि को अपना मार्गदाता मानते हैं और बुध्दिहीन लोग नकली भगवानों को अपना मुक्ति दाता मानते हैं..!!

अब आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप इन दोनों में से किस कैटेगरी में आते हो..!

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दैनिक जागृत भारत

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